UGC ने छात्रों को दी बड़ी राहत, गाइडलाइन जारी, ऑनलाइन-डिस्टेंस लर्निंग में इस तरह मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) ने एक बार फिर से छात्रों के लिए महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं। दरअसल बीते दिनों पारंपरिक मोड के साथ योग्यता की समानता और पाठ्यक्रम की सूची शामिल करते हुए दुरस्त शिक्षा कार्यक्रम और ऑनलाइन लर्निंग (Online Learning) से संबंधित दिशा-निर्देश छात्रों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों (HEI) की स्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए, जिसमें मान्यता की स्थिति और पात्रता की स्थिति शामिल है।

UGC ने कहा छात्रों को यह देखना होगा कि कौन से पाठ्यक्रम और संस्थान ऑनलाइन लर्निंग या ऑनलाइन कार्यक्रमों की पेशकश के लिए वर्जित हैं और उन्हें ‘नो एडमिशन कैटेगरी’ के तहत रखा गया है। महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए UGC ने कहा कि छात्रों को आयोग की वेबसाइट पर संस्थान के विवरण, उसके दस्तावेजों, आवेदन, हलफनामे की अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए।

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महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों में UGC ने कहा है विश्वविद्यालयों को सख्ती से प्रतिबंधित किया जायेगा, चाहे वो केंद्रीय, राज्य, निजी या डीम्ड विश्वविद्यालय, शिक्षार्थियों को प्रवेश देने और ओडीएल और ऑनलाइन मोड के माध्यम से पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए फ्रेंचाइज़िंग व्यवस्था के माध्यम से अपने कार्यक्रम पेश करें।

इसके अलावा UGC ने 17 कार्यक्रमों की एक सूची भी जारी की है जो ऑनलाइन लर्निंग और ऑनलाइन मोड के तहत पेश किए जाने के लिए निषेध हैं। इन पाठ्यक्रम में इंजीनियरिंग, चिकित्सा, भौतिक चिकित्सा, फार्मेसी, होटल प्रबंधन, नर्सिंग, कानून, कृषि, दृश्य कला और खेल शामिल हैं।

इसके अलावा छात्र को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऑनलाइन लर्निंग और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए Time Table, नामकरण और Admission की योग्यता, जिसके तहत नामांकन किया जा रहा है, वह पाठ्यक्रम UGC अधिसूचना के अनुसार सख्ती से पालन होनी चाहिए। UG कार्यक्रम में नामांकन के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा 12 पास है और इसके लिए पीजी कार्यक्रम स्नातक की डिग्री है।


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