नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) ने बड़ी तैयारी की है। जिसके तहत उच्च शिक्षा कोर्स (Higher Education Course) को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। छात्रों को देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में कई पाठ्यक्रम में प्रवेश करने और अपनी सुविधा अनुसार पाठ्यक्रम को पूरा करने का विकल्प प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही छात्र एक साथ दो विषयों में पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। एक साथ दो कोर्स के तहत मल्टीपल मोड में छात्रों को पढ़ाई करने के लिए नियम में बदलाव किए गए हैं।
यूजीसी द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के आधार पर नई गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके तहत छात्र चाहे तो सेमेस्टर में फेस टू फेस क्लासरूम और ऑनलाइन यह डिस्टेंस कोर्स से पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। साथ ही छात्रों को एक साथ दो कोर्स करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा छात्र अपनी सहूलियत के हिसाब से सभी हायर एजुकेशन जैसे मैनेजमेंट-इंजीनियरिंग कॉलेज में मल्टीपल कोर्स में एंट्री एग्जिट मोड में प्रवेश ले सकेंगे। छात्र एक कोर्स में कई बार इन रोल भी हो सकते हैं और मल्टीपल मोड में पढ़ाई भी कर सकते हैं। इसके लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
इतना ही नहीं नई शिक्षा पॉलिसी के तहत नई गाइडलाइन जारी की गई है। जिसमें यह बात कहा गया है कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को न सिर्फ एक से ज्यादा कुछ करने का मौका मिलेगा बल्कि दोनों कोर्स के सर्टिफिकेट छात्रों के लिए मान्य किए जाएंगे। इसके लिए यूजीसी ने गाइडलाइन ने सभी राज्य सरकारों विश्वविद्यालय से नई व्यवस्था लागू करने और नियम और नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। 2022-23 से इसे लागू किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यह जैसी ने हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट को बहू विशेष संस्थानों में बदलने के लिए प्रोफेसर आरपी तिवारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। समिति ने एक बहू विषयक संस्थान की विशेषताओं को प्राप्त करने के लिए कॉलेब्रेशन, मार्जिन और क्लस्टरिंग जैसे कई तरीके के भी सुझाव दिए हैं।
इसके लिए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट तैयार किया जाएगा।सभी छात्रों को एक बैंक ऑफ क्रेडिट का अकाउंट खोलना अनिवार्य होगा। जिसमें छात्रों की पढ़ाई का पूरा ब्यौरा रहेगा। छात्र द्वारा 1 वर्ष की पढ़ाई पर उन्हें सर्टिफिकेट डिग्री 2 वर्ष की पढ़ाई पर डिप्लोमा डिग्री 3 वर्ष की पढ़ाई पर डिग्री का और 4 वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर ऑनर्स ईयर डिग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इतना ही नहीं यदि कोई छात्र किसी कोर्स में 1 या 2 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद कोर्स बदलना चाहता है तो उसके नंबर नए कोर्स में क्रेडिट किए जाएंगे।
माना जाए कि यदि कोई छात्र पहले इंग्लिश के पेपर के लिए खुद को इनरोल करता है और कोर्स बदलने के बाद उसके एक विषय अंग्रेजी हैं तो छात्रों को पुनः अंग्रेजी का पेपर देने की आवश्यकता नहीं होगी। दोनों कोर्स के विषय के अंक उनके अंक में क्रेडिट हो जाएंगे। नई गाइडलाइन के मुताबिक देश में तीन तरह के संस्थान तैयार किए जाएंगे। जिसमें पहला रिसर्च यूनिवर्सिटी, दूसरा टीचिंग यूनिवर्सिटी और तीसरे को ऑटोनॉमस कॉलेज के रूप में मान्यता मिलेगी।
3000 से ज्यादा छात्र वाले कॉलेज ने विभाग खोलकर ऑटोनॉमस कॉलेज का दर्जा प्राप्त कर सकते हैं। किसी एक संस्थान में साहित्य-संगीत, भाषा, फिलॉसफी, इंडोलॉजी आर्ट, डांस थिएटर, एजुकेशन, मैथमेटिक्स, स्टैटिसटिक्स, स्पोर्ट्स, ट्रांसलेट एंड इंटरप्रिटेशन के विभाग हो सकेंगे।
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