नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) ने बीते 1 सप्ताह में छात्रों के हित में दो बड़े फैसले लिए हैं। जिससे लाखों छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। दरअसल एक तरफ जहां देशभर के विश्वविद्यालय (university) द्वारा प्रवेश निरस्त (admission cancel) होने पर विश्वविद्यालय को छात्रों को सभी फीस रिफंड (fees refund) करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ कोरोना काल में ली गई हॉस्टल और मेस फीस (hostel and mess fees) लौटाने के भी आदेश यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को दिए हैं।
बता दे कि कोरोना काल के दौरान लगातार कॉलेजों द्वारा लिए जा रहे हॉस्टल फीस और मेस फीसको लेकर छात्रों द्वारा यूजीसी से कई सवाल किए जा रहे थे। जिस पर अभी यूजीसी ने विश्वविद्यालय को एक बार फिर से निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि इस संबंध में पूर्व में भी एक आदेश जारी किए गए थे। मार्च 2020 में करुणा संक्रमण के बाद देशभर में लॉकडाउन और शैक्षणिक संस्थान के महीनों बंद रहने के बाद छात्र छात्राओं से हॉस्टल और मेस फीस नहीं वसूलने के निर्देश दिए गए थे।
अब निर्देश जारी करते हुए यूजीसी ने कहा कि यदि छात्रों के लिए कक्षाओं में विश्वविद्यालय में अध्ययनरत है तो यह फीस उसके अन्य देशों में समायोजित की जाएगी। इस मामले में सेक्रेटरी रजनीश जैन ने विश्वविद्यालय से आदेश को लागू करने के निर्देश दिए हैं। इससे देश भर में लाखों छात्र छात्राओं को बड़ा फायदा मिलेगा।
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बता दे कि लॉकडाउन के बाद देश भर में शैक्षणिक संस्थान को लंबे समय के बाद खोला गया था। 2021 के आखिरी महीनों में धीरे-धीरे कैंपस में गतिविधियां संचालित की गई थी लेकिन हॉस्टल को 2022 के शुरुआती दिनों में खोलने पर सहमति बनी थी। वहीं कई विश्वविद्यालय और कॉलेज पहले ही हॉस्टल और मेस की राशि भुगतान करवाते हैं। ऐसे में हॉस्टल और मेस बंद रहने के बावजूद भी ना तो वापस की गई, ना ही समायोजित की गई। जिसके बाद छात्र और परिजन इसकी शिकायत लगातार यूजीसी से कर रहे थे। अब यूजीसी ने इस मामले में कड़े कदम उठाए हैं।
इससे पहले यूजीसी ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया था। जिसमें छात्रों को आर्थिक लाभ देते हुए कहा गया था कि यदि कोई छात्र 31 अक्टूबर तक किसी भी विश्वविद्यालय में अपना प्रवेश निरस्त करता है तो उसे उसकी पूरी फीस वापस रिफंड की जाएगी। वही 31 अक्टूबर के बाद यदि छात्रों द्वारा प्रवेश को निरस्त किया जाता है तो विश्वविद्यालय ₹1000 काट कर छात्रों को पूरी फीस वापस करेंगे। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि 31 अक्टूबर तक छात्रों के प्रवेश पर उन्हें पूरी फीस वापस की जाएगी। वही अक्टूबर के बाद दिसंबर तक प्रवेश निरस्त की स्थिति में प्रोसेसिंग से ₹1000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।