नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) ने छात्र हित में बड़ा फैसला लिया है। यूजीसी ने उच्च शिक्षा (Higher education) को दूरदराज के इलाकों से जोड़ने के लिए 30,000 से अधिक पाठ्यक्रम (courses) के लिए एक नया वेब पोर्टल लॉन्च (Web portal) किया है। नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत शुक्रवार को इस पोर्टल को छात्रों के बीच उपलब्ध कराया गया हैं। मामले में बोलते हुए यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि 23000 से अधिक उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम एक नए पोर्टल पर मुफ्त उपलब्ध होंगे।
डिस्पोजल का उद्देश्य डिजिटल विभाजन को पाटने और देश के दूरदराज के हिस्सों में उच्च शिक्षा को पहुंचाना है। इस मामले में यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार का कहना है कि उच्च शिक्षा सभी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। केंद्र सरकार की इस योजना को सुलभ बनाने के लिए पाठ्यक्रमों की पेशकश की गई है। इसके लिए 7.5 लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्र और विशेष प्रयोजन वाहन केंद्रों के साथ ई- संसाधन को तैयार किया गया है। जिसके लिए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ 2022-23 के लिए करार किया गया है।
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नए पोर्टल के जरिए छात्र साइबर सुरक्षा और कई अन्य कार्यक्रमों का हिस्सा बन पाएंगे और पोर्टल का उद्देश्य डिजिटल विभाजन को पाटने का कार्य करेगी। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि उच्च शिक्षा 23 हजार से ज्यादा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है। इन पाठ्यक्रम मैं 137 SWAYAM MOOC पाठ्यक्रम और 25 गैर-इंजीनियरिंग स्वयं पाठ्यक्रम को भी शामिल किया गया है जबकि यूजीसी पोर्टल पर इसे एक्सेस करने के लिए सरकार किसी भी तरह के शुल्क को चार्ज नहीं कर रही है।
वर्तमान में छात्र इन ई-संसाधनों का उपयोग अपने उन विषयों की समझ को मजबूत करने के लिए कर सकते हैं, जो वे अपने कॉलेजों में सीख रहे हैं या अपने पाठ्यक्रमों का 40% तक क्रेडिट ले सकते हैं और उन्हें अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) में स्टोर कर सकते हैं। ये पीजी पाठ्यक्रम या तो टेक्स्ट या वीडियो प्रारूप में हैं जैसे कि नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग (NPTEL) द्वारा पेश किया जाता है।
डिग्री की पेशकश तभी की जाएगी, जब छात्र इन पाठ्यक्रमों से अपने पाठ्यक्रम क्रेडिट का 40% कमाते हैं। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि 23000 हायर एजुकेशन कोर्स कार्यक्रम बिल्कुल मुफ्त है। हालांकि ग्राम पंचायतों में CSC, एबीपी की सेवाएं और अन्य लाभ उठाने के लिए छात्रों को प्रतिदिन 20 रूपए या 500 रूपए प्रति माह का शुल्क देना अनिवार्य होगा।