नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। विजय दिवस (Vijay diwas) यानि भारतीय सेना (Indian Army) के इतिहास के शौर्य का वो गौरवशाली दिन जिसे याद कर आज भी हर भारतवासी का सीना चौड़ा हो जाता है और सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है। 50 साल पहले आज ही के दिन यानि 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) को करारी शिकस्त देकर खदेड़ दिया था और 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को सरेंडर के लिए मजबूर कर दिया था जिसके बाद एक नए देश बांग्लादेश (Bangladesh) का जन्म हुआ था।
93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने किया था सरेंडर
1971 का युद्ध भारत पर थोपा गया युद्ध था, वैसे ये युद्ध पाकिस्तान के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में चल रहा था लेकिन इस दौरान शातिर पाकिस्तान ने भारत पर भी हवाई हमले शुरू कर दिए थे। पाकिस्तान के नापाक इरादों को भांपकर भारत ने 3 दिसंबर 1971 जवाबी हमले शुरू किये और फिर लगातार हमले करते हुए पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया। 1971 के युद्ध का 16 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक हो गया जब भारत के सामने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों के सरेंडर के साथ इस युद्ध पर विजय प्राप्त की और एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ।
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आधी रात को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कही थी ये बात
युद्ध के दरमियान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आधी रात को देश के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा था ” मैं आपसे ऐसे समय बात बात कर रही हूँ जब देश और हमारे लोग एक बड़ी आपदा से गुजर रहे हैं। पाकिस्तान ने हमारे खिलाफ पूर्ण युद्ध की घोषणा कर दी है। पाकिस्तानी एयरफोर्स और थल सेना लगातार हमले गोली बारी कर रहे हैं।
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इंदिरा गांधी ने कहा कि आज बांग्लादेश में चल रहा युद्ध भारत का युद्ध बन गया है यह युद्ध मुझ पर , मेरी सरकार पर और मेरे देश के लोगों पर थोपा गया है। ऐसे में हमारे पास देश को युद्ध में ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हमारे बहादुर अफसर और सैनिक चौकियों पर तैनात हैं और आगे बढ़ रहे हैं। पूरे देश में आपातकाल घोषित किया जाता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय दिवस के मौके पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उधर गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर पाकिस्तान को धूल चटाने वाले भारत के जांबाजों को याद किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विजय दिवस के मौके पर 1971 युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
On the 50th Vijay Diwas, I recall the great valour and sacrifice by the Muktijoddhas, Biranganas and bravehearts of the Indian Armed Forces. Together, we fought and defeated oppressive forces. Rashtrapati Ji’s presence in Dhaka is of special significance to every Indian.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2021
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने स्वर्णिम विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशाल के सम्मान समारोह में पहुंचकर युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/PAUomuoQrc
— BJP (@BJP4India) December 16, 2021
भारतीय सैनिकों के अद्भुत साहस व पराक्रम के प्रतीक ‘विजय दिवस’ की स्वर्ण जयंती पर वीर सैनिकों को नमन करता हूँ।
1971 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने दुश्मनों पर विजय कर मानवीय मूल्यों के संरक्षण की परंपरा के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा था।
सभी को विजय दिवस की शुभकामनाएं। pic.twitter.com/AwxoSTJclD
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) December 16, 2021
भारत के लिए आज गौरव का दिन है।
1971 में आज के ही दिन भारत के रणबांकुरों की वीरता, शौर्य और पराक्रम के समक्ष पाकिस्तान के 91 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। देश अब भी गौरव की उस
अनुभूति से भरा है।#विजय_दिवस पर देश के शूरवीरों को सलाम! pic.twitter.com/stTZn6u7KQ— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) December 16, 2021