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Sat, Dec 6, 2025

खाद्य पदार्थों के ठेलों पर प्रशासन की सख्ती, लाइसेंस और पंजीयन जरूरी, नॉनवेज पर विशेष नजर

Written by:Atul Saxena
कलेक्टर ने कहा जिन खाद्य कारोबारियों द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं की जा रही है। उनके लाइसेंस व पंजीयन निलंबित करें। साथ ही जुर्माना जमा न होने तक संबंधित प्रतिष्ठानों को बंद कराएं।
खाद्य पदार्थों के ठेलों पर प्रशासन की सख्ती, लाइसेंस और पंजीयन जरूरी, नॉनवेज पर विशेष नजर

ग्वालियर में खान पान के ठेलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लोगों में खासकर युवाओं में घर के बाहर जाकर खाने का चलन बढ़ रहा है, बढ़ती संख्या के  बीच बहुत से ठेले ऐसे हैं जिनका कोई पंजीयन नहीं है ना ही उनके पास खान पान का कोई वैध लाइसेंस है इसी के चलते अब जिला प्रशासन इन पर सख्ती करने के मूड में है

ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नगर निगम के सहयोग से जिले में विशेष अभियान चलाकर खान-पान की दुकानों व ठेले इत्यादि के पंजीयन एवं लायसेंस बनवाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि 15 दिन में यह काम न कराएं तो दण्डात्मक कार्रवाई की जाए।

लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन के निरीक्षण के निर्देश 

कलेक्टर ने ग्वालियर शहर सहित जिले के सभी कस्बों में खाद्य पदार्थों के लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन का लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने खासतौर पर नॉनवेज के ठेलों के पंजीयन व लाइसेंस बनाने पर विशेष जोर दिया। साथ ही कहा कि खान-पान के ठेलों के आसपास साफ-सफाई रखने के लिये चेतावनी सहित स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं।

जुर्माना जमा न होने तक बंद कराएं संबंधित प्रतिष्ठान

कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि जिन प्रतिष्ठानों के नमूने फेल हो गए हैं और यदि उनके द्वारा निर्धारित समय-सीमा में अपील नहीं की गई है तो ऐसे मिलावटखोरों के खिलाफ संबंधित न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराएं, जिससे उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जा सके। कलेक्टर ने कहा जिन खाद्य कारोबारियों द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं की जा रही है। उनके लाइसेंस व पंजीयन निलंबित करें। साथ ही जुर्माना जमा न होने तक संबंधित प्रतिष्ठानों को बंद कराएं।

चार महीनों में 370 नमूने जांच के लिये भेजे 

खाद्य सुरक्षा विभाग के जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में अधिकारियों ने  कलेक्टर रुचिका चौहान को बताया कि जुलाई से अक्टूबर की अवधि में खाद्य पदार्थों के कुल 370 नमूने जांच के लिये लिए गए। इनमें दूध के 39, दूध से बने खाद्य पदार्थों के 115 एवं 216 अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने शामिल हैं। प्रयोगशाला में जांच के लिये कुल भेजे गए नमूनों में से 30 की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है और दो नमूने अमानक पाए गए हैं।

46 प्रकरणों में 13 लाख 15 हजार रुपये का अर्थदण्ड

अधिकारियों ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अपर जिला दण्डाधिकारी न्यायालय में 11 प्रकरण दर्ज कराए गए हैं। साथ ही पूर्व से चल रहे प्रकरणों सहित न्यायालयों द्वारा 46 प्रकरणों में 13 लाख 15 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया है। पिछले चार महीने के दौरान इसमें से 4 लाख 85 हजार रुपये का अर्थदण्ड विभाग द्वारा वसूला जा चुका है। विभाग द्वारा 20 हजार 78 लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन बनवाए गए। इससे 20 लाख 24 हजार से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा पिछले चार माह के दौरान 4698 किलोग्राम खाद्य सामग्री जब्त की गई है।