हरियाणा की विधानसभा में आज 22 अगस्त से मानसून सत्र का आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट की बैठक में इस सत्र के आयोजन को मंजूरी दी। सत्र की अवधि और कार्यसूची का फैसला बीएसी (Business Advisory Committee) की बैठक में सुबह 11 बजे किया जाना है, जिसकी अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण करेंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह, ऊर्जा मंत्री अनिल विज, संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा, समाज कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार, और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल होंगे। मानसून सत्र से पहले, स्पीकर द्वारा सुरक्षा तंत्र की समीक्षा की गई। मोबाइल फोन, बैग व ब्रीफकेस सदन में प्रतिबंधित होंगे विधायकों को इन्हें या तो जमा करवाना होगा या साइलेंट मोड में रखना होगा।
पहले ही पंजीकरण आवश्यक
विजिटर गैलरी में प्रवेश दिन भर एक समय के लिए पास से होगा जिसके लिए एक दिन पहले ही पंजीकरण आवश्यक है। महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नियंत्रण बढ़ाया गया है ताकि व्यवधान से बचा जा सके। सरकार नए बिल, योजनाओं और उपलब्धियों को पेश करेगी एवं विपक्ष उनको जनता के समक्ष चुनौती देगा। सत्र के असर और राजनीतिक मंथन पर राजनीतिक जानकारियों और पारदर्शिता से ही भविष्य का रास्ता तय होगा।
सत्र के मुख्य चरण:
* 22 अगस्त दोपहर 2 बजे से सत्र की शुरुआत।
* 23 24 अगस्त को अवकाश हो सकते हैं।
* 25 26 अगस्त को कार्यवाही की उम्मीद है।
सरकार को कटघरे में
कांग्रेस (37 विधायक) और INLD, जैसे विपक्षी दल नाली नहर, कानून व्यवस्था, किसान समस्याएं, बेरोजगारी और शहरों में जलभराव जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की तैयारी में हैं। उनके लिए यह सत्र राजनीतिक उत्साह से भरा होने जा रहा है। इस बीच, कांग्रेस नेतृत्व अभी CLP नेता नियुक्त नहीं कर पाया है यह तीसरा सत्र है जहाँ विपक्ष नेता प्रतिपक्ष के बिना शामिल हो रहा है।
जलभराव और खेती को प्रभावित
बीजेपी विधायक दल की बैठक 21 अगस्त को चंडीगढ़ में हुई। इसमें मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में विपक्षी हमलों से निपटने और सरकार की उपलब्धियों को सदन में मजबूती से पेश करने की रणनीति बनाई गई। वहीं विकास विरोधियों के आरोपों का जवाब तैयार करने पर भी ध्यान है। मानसून की बारिश ने राज्य में जलभराव और खेती को प्रभावित किया है।
मानसून सत्र चार दिनों तक चलेगा
विपक्ष इन मुद्दों को छेड़ सकता है जिनमें सड़कों की स्थिति, गांवों में बुनियादी सुविधाएं, और किसान दुख शामिल हैं। विशेषकर गुरुग्राम व जींद जैसे इलाकों की स्थिति चर्चा का केंद्र बनेगी। हरियाणा का यह मानसून सत्र चार दिनों तक चलने वाला सरकार और विपक्ष दोनों के लिए रणनीतिक और चुनौतीपूर्ण होगा।





