2023 में 2.16 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी, कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा

जयराम रमेश ने कहा कि 2011 के मुक़ाबले ये आँकड़ा दुगना है। उन्होंने कहा कि उच्च-कुशल और उच्च नेटवर्थ वाले भारतीयों का यह पलायन अपारदर्शी कर नीतियों और मनमाने कर प्रशासन का परिणाम हो सकता है, जो पिछले दशक में कॉर्पोरेट भारत के चारों ओर फैले भय और डर के माहौल से काफ़ी अलग है।

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2.16 lakh gave up Indian citizenship in 2023 : सरकार ने जानकारी दी है कि वर्ष 2023 में 2.16 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है। राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने भारतीय नागरिकों को लेकर पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में ये बात कही है। इसे लेकर अब कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारतीयों का यह पलायन अपारदर्शी कर नीतियों और मनमाने कर प्रशासन का परिणाम हो सकता है।

कांग्रेस ने सरकार पर लगाया आरोप

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए एक्स पर लिखा है कि ‘राज्यसभा में सरकार के ख़ुद के दिए आंकड़ों के मुताबिक़ 2023 में 2.16 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है, जो 2011 में ऐसा करने वाले 123,000 लोगों की संख्या से लगभग दोगुना है। नागरिकता छोड़ने वालों में से कई भारतीय अत्यधिक कुशल और शिक्षित हैं। घरेलू स्तर पर कुशल श्रम आपूर्ति की कमी के समय उनके देश छोड़ने से हमारी अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा।’

उन्होंने कहा कि ‘कई लोग आर्थिक रूप से भी संपन्न हैं – इस साल की शुरुआत में, एक अग्रणी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन एडवाइजरी फर्म ने खुलासा किया था कि पिछले तीन वर्षों में 17,000 से अधिक करोड़पति (कुल संपत्ति 1 मिलियन डॉलर से अधिक वाले व्यक्ति) ने भारत छोड़ दिया था। उच्च-कुशल और उच्च नेट वर्थ वाले भारतीयों का यह पलायन अपारदर्शी कर नीतियों और मनमाने कर प्रशासन का परिणाम हो सकता है, जो पिछले दशक में कॉर्पोरेट भारत के चारों ओर फैले भय और डर के माहौल से काफ़ी अलग है। व्यावसायिक हस्तियां तेज़ी से सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो रही हैं। और कुछ हो या ना हो, यह एक ऐसा आर्थिक उपहास है जो अगले कुछ वर्षों में हमारे कर राजस्व के आधार को गंभीर रूप से नुक़सान पहुंचाएगा।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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