Silk City of India : भारत एक ऐसा देश है, जो अपने अंदर गौरवशाली इतिहास को समेटे हुए रखा है। यहां हर राज्य और हर शहर की अपनी अलग-अलग खूबसूरती होती है। यहां पर रहस्य इसे अन्य शहरों की अपेक्षा अलग बनाता है। सभी के जीने का अंदाज बहुत ही अलग-अलग होता है। परंपरा, संस्कृति, खानपान, भाषा, रहन-सहन, आदि सब कुछ भिन्न होती है। अपने देश में टूरिज्म से सबसे ज्यादा अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। भारतीय रेलवे भी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान निभाता है। ऐसे में केवल देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी पर्यटक हमारे देश में भ्रमण करने आते हैं। इसलिए ऐसा कहा गया है कि “अतिथि देवो भव:”। इसका अर्थ है कि अतिथि हमारे लिए भगवान के समान होते हैं और उनका आदर-सत्कार करना हमारा परम कर्तव्य है।
कुछ लोगों को धार्मिक स्थल पर घूमने ज्यादा पसंद होता है, तो कुछ लोगों को समुद्री तटों के किनारे बैठकर पानी की लहरों का लुफ्त उठाना ज्यादा अच्छा लगता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें पहाड़ की वादियों में ज्यादा अच्छा लगता है, तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो ऐतिहासिक स्थलों को एक्सप्लोर करने में ज्यादा इंटरेस्ट रखते हैं। कुछ लोग तो एडवेंचर के इतने ज्यादा शौकीन होते हैं कि वह बहुत खतरनाक एडवेंचर करने से नहीं चुकते।
इंटरनेशनल लेवल तक रहती है डिमांड
ऐसे में हर प्रकार के व्यक्ति को शहरों का चुनाव करने में काफी ज्यादा मुश्किलों का सामना भी कई बार करना पड़ता है, क्योंकि वह अपने अकॉर्डिंग घूमने के लिए प्लेस ढूंढते हैं। इसके लिए उन्हें शहरों के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए होती है। हाईटेक के जमाने में लोग इंटरनेट के माध्यम से बहुत सारी चीजें पहले से ही पता लगा लेते हैं। ऐसे में आज हम आपको उस शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे भारत की सिल्क सिटी के नाम से भी जाना जाता है। जैसे हर शहर अलग-अलग नाम से प्रसिद्ध है, वैसे ही यह शहर भी रेशम के शहर के नाम से जाना जाता है। अमूमन लोग इस नाम से अंदाजा लगा ही चुके होंगे कि इस शहर में जरूर रेशम से जुड़ी चीज रही होगी। इसलिए इसका नामकरण सिल्क सिटी किया गया है। दरअसल, यहां बनने वाले रेशम की भारत में तो काफी ज्यादा डिमांड है, वहीं विश्व की बात करें तो यहां भी इंडियन रेशम की काफी ज्यादा मांग रहती है। हर साल भारत से बड़ी मात्रा में रेशम एक्सपोर्ट किया जाता है।
बिहार में है स्थित
यह शहर कहीं और नहीं बल्कि बिहार के भागलपुर शहर को है, जिसे सिल्क सिटी के नाम से जाना जाता है, जो कि गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। पहले इस शहर को तो तुसेर रेशम के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसे सिल्क सिटी के नाम से जाना जाता है। यहां रेशम काफी अधिक संख्या में बनाई जाती है। जिनकी डिमांड इंटरनेशनल लेवल पर भी है। इसलिए आपने अक्सर लोगों से कहते हैं उन्हें भागलपुर रेशम चाहिए। इसका इतिहास भी लगभग 200 साल पुराना बताया जाता है। यहां हर साल लगभग 100 करोड रुपए का व्यापार होता है। शहर के 50% लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं।
इन देशों में किया जाता है निर्यात
अगर इस व्यापार के बारे में विस्तार पूर्वक बताएं तो यहां से रेशम का निर्यात पश्चिम एशिया, यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान में किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, 2 मिलियन सिल्क का उत्पादन यहां प्रतिवर्ष किया जाता है, जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति भी काफी मजबूत रहती है। हालांकि, बेंगलुरु सिटी को भी सिल्क सिटी कहा जाता है, लेकिन भारत की ओर से वैश्विक स्तर पर भागलपुर सिटी को ही सिल्क सिटी कहा जाता है। इस शहर के अलावा, हैदराबाद में भी सिल्क का उत्पादन किया जाता है, लेकिन भागलपुर के रेशम की बात ही कुछ और है।