भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) मे हालात सामान्य होते ही सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) एक्शन मोड में आ गए है। एक के बाद एक बैठकें लेकर अधिकारियों-मंत्रियों और विधायकों को विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए निर्देश दे रहे है। इसी कड़ी में अब सीएम शिवराज ने मंत्री-अधिकारियों से कहा है कि निरंतर अध्ययन करें कि देश-विदेश में कहाँ सुशासन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ष्ठ कार्य हो रहे हैं तथा बेस्ट प्रैक्टिसेस को मध्य प्रदेश की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप लागू किया जाए।
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दरअसल, सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने मंगलवार को अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान (Atal Bihari Vajpayee Institute of Good Governance) की बैठक ली थी, जिसमें संबंधित मंत्री, संस्थान के उपाध्यक्ष, सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित थे।वही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विषय-विशेषज्ञ भी शामिल हुए थे। इस बैठक में सीएम ने कहा कि संस्थान द्वारा प्रदेश में चलाई जा रही विभिन्न शासकीय योजनाओं का इम्पैक्ट असेसमेंट (प्रभाव आंकलन) निरंतर किया जाए, जिससे कि इनका जनता को अधिक से अधिक लाभ देने के लिए आवश्यक परिवर्तन एवं सुधार किए जा सकें।
सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि हमारा लक्ष्य प्रदेश में जो सबसे गरीब, सबसे नीचे और सबसे पीछे है, उसे आगे लाना है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने विश्व में सुशासन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया तथा उन्हीं के नाम पर इस संस्थान की स्थापना की गई। इसे विश्व स्तरीय सुशासन संस्थान के रूप में विकसित करना है। इसके लिए विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रहे व्यक्तियों और संस्थाओं से निरंतर परामर्श एवं मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्य किया जाए।
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सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश है। इसके लिए निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए। विकास के विभिन्न मापदंडों में मध्य प्रदेश की रैकिंग सुधारने के भी निरंतर प्रयास किए जायें। मध्यप्रदेश में सुशासन के लिए सभी विषय-विशेषज्ञों के सुझावों को लागू किया जाएगा।
बैठक में विशेषज्ञों ने रखें अपने सुझाव
संस्थान के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि संस्थान में सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों की सेवाएँ लेने के लिए रिसर्च एडवाइजरी कमेटी बनाई जाएगी। संस्थान के 6 प्रमुख उद्देश्य हैं – नीति प्रारूपन, मॉनीटरिंग, प्रभाव आंकलन, विश्लेषण, नागरिक सेवाओं में सुधार तथा क्षमता संवर्धन।
विषय-विशेषज्ञ डॉ. अजीत रानाडे ने कहा कि कृषि की चुनौतियों का हल कृषि क्षेत्र से बाहर है। इस पर अध्ययन किया जाना चाहिए। कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा प्रबुद्ध लोकतंत्र है। विषय-विशेषज्ञ श्री सुमित बोस ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए निरंतर नवाचारों की आवश्यकता है।
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विषय-विशेषज्ञ डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी ताकत यहाँ की वन सम्पदा है। यहाँ की वन सम्पदा के लिए योजनाएँ बननी चाहिए। मध्यप्रदेश के वनों की जीडीपी की गणना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। यहाँ से बड़ी संख्या में नदियाँ निकलकर दूसरे प्रदेशों में जाती हैं।