बड़ी खबर : अपर मुख्य सचिव का बड़ा बयान, शराब नीति में बदलाव कर सकती है सरकार

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  मध्यप्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां मुरैना में हुए जहरीली शराब कांड (Poisonous liquor scandal) के बाद जागी सरकार अब शराब नीति (liquor policy) में बदलाव (changes) कर सकती है। मामले की जांच करने आये तीन सदस्यीय दल के प्रमुख गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा (Additional Chief Secretary Rajesh Rajaura) ने इस बात के संकेत दिये हैं।

ग्वालियर (Gwalior) में पत्रकारों से बात करते हुए राजेश राजौरा ने कहा कि घटना बहुत दुखद है। घटना के बाद से सरकार बहुत गंभीर है, प्रयास किये जायेंगे कि अवैध शराब (illegal alcohol) की बिक्री ना हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले । उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार शराब नीति (liquor policy) में बदलाव कर सकती है, धारा 34,49 A में संशोधन किया जा सकता है साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब की बिक्री रोकी पर रोक लगेगी। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जहरीली शराब से हुई घटना में जांच के दौरान कई तथ्य सामने आये हैं। वे अपनी रिपोर्ट 18 जनवरी को सरकार को सौंपेंगे।

अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने ग्वालियर में जयारोग्य अस्पताल (Gwalior’s Jayaarogya Hospital)  में भर्ती जहरीली शराब के पीड़ितों को देखा उनसे बात की और अस्पताल प्रबंधन को बेहतर इलाज के निर्देश दिये। गौरतलब है कि मुरैना में जहरीली शराब (poisonous liquor) पीने से अब तक 24 लोगों की मौत (death) हो चुकी है और 22 बीमार मुरैना जिला अस्पताल और जयारोग्य अस्पताल ग्वालियर के भर्ती हैं । सरकार का तीन सदस्यीय दल गृह विभाग (home department) के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा अध्यक्षता में जांच कर रहा है। दल में एडीजीपी ए साई मनोहर और डीआईजी मिथिलेश शुक्ला भी शामिल हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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