टिकट कटने से नाराज हर्षवर्धन सिंह चौहान का शक्ति प्रदर्शन, बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ सकते हैं चुनाव

Harshvardhan Singh Chauhan

बीजेपी की पांचवीं सूची आने के बाद से कई स्थानों पर उम्मीदवारों के विरोध का सिलसिला जारी है। अब निमाड़ क्षेत्र की राजनीति में भी हलचल हो रही है। टिकिट कटने से नाराज़ पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान ने सैकड़ों समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। संभावना है कि वो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।

हर्षवर्धन सिंह चौहान ने जताई नाराजगी

एक तरफ नीमच की मनासा विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार अनिरूद्ध मारू को टिकट देने से नाराज पूर्व मंत्री व मनासा से विधायक रहे कैलाश चावला ने मोर्चा खोल दिया है। पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने बेटे का टिकट कटने से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब बुरहानपुर में नंदकुमार चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान विरोध में सामने आ गए हैं। भोपाल से लौटने के बाद उन्होने कहा कि दूसरी बार निमाड़ की जनता के साथ फरेब हुआ है और अब जो जनता का आदेश होगा वह मेरे लिए सर्वमान्य होगा।

बुरहानपुर से निर्दलीय लड़ने की संभावना

बता दें कि बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को प्रत्याशी बनाया है। यहां से हर्षवर्धन सिंह चौहान भी दावदारी कर रहे थे। टिकट कटने के बाद वो रविवार को बुरहानपुर पहुंचे जहां हजारों की संख्या में मौजूद समर्थकों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा ‘मेरे जीवन का फैसला अब मैंने इनके हाथों में दे दिया है।  दूसरी बार निमाड़ की जनता से फरेब हुआ। हमें धोखे में रखा गया। पहले इनके द्वारा कहा गया था कि हारे हुए कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया जाएगा। वह भी जो निर्दलीय से हारे हैं और जिनपर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप हैं। ऐसे लोगों को टिकट मिल गया।’ हर्षवर्धन सिंह चौहान के समर्थक मांग कर रहे हैं कि वो निर्दलीय चुनाव लड़ें और बहुत संभावना है कि वो इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना दावा ठोंक सकते हैं।

नंदू भैया की पत्नी की भावुक अपील

इधर उनकी मां और नंदू भैया की पत्नी दुर्गेश्वरी देवी ने भी जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि ‘आखिर मेरे पति ने पार्टी की सेवा करने में क्या कमी की थी और आज मुझे ये दिन देखना पड़ रहा है। मेरे पति ने अपना पूरा जीवन त्याग कर दिया उनके साथ में अगर ये न्याय है तो आगे क्या होगा।’ उन्होने कहा कि मेरे बेटे के साथ जनता का आशीर्वाद, वरिष्ठों का आशीर्वाद और युवाओं का सहयोग रहा तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। इस तरह अब पूरा परिवार बीजेपी के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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