जबलपुर, संदीप कुमार। अपने तीखे बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने एक बार फिर अपने तरकश से तीर चलाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं जबलपुर जिले का प्रभार न लिए जाने को लेकर अपनी पीड़ा जाहिर की है और कहा है कि जबलपुर के घाव अभी भी हरे हैं।
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वरिष्ठता के बावजूद मंत्रिमंडल में दरकिनार किए गए महाकौशल के प्रभावी नेता बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने कुछ समय पहले ट्वीट करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया था कि महाकौशल और जबलपुर क्षेत्र की मंत्रिमंडल में हुई उपेक्षा की भरपाई वे स्वयं जबलपुर क्षेत्र का प्रभार लेकर करें। अजय विश्नोई का मानना था कि यदि शिवराज जबलपुर जिले के प्रभारी रहते हैं तो न केवल जन समस्याओं का निराकरण तीव्र गति से हो सकेगा बल्कि वर्षों से उपेक्षा का शिकार जबलपुर और महाकौशल क्षेत्र प्रगति व विकास के कदम चूम सकेगा। बुधवार को घोषित हुई प्रभारी मंत्रियों की सूची में जबलपुर जिले का प्रभार वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव को दे दिया गया। इस पर गुरुवार को एक बार फिर अजय विश्नोई की पीड़ा सामने आई। उन्होंने गोपाल भार्गव को अपना मित्र बताते हुए कहा कि वे वरिष्ठ नेता है लेकिन यदि सीएम शिवराज प्रभार लेते तो ज्यादा ठीक होता।
अजय विश्नोई यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो घाव जबलपुर को दिए थे वह अभी भी हरे हैं, भरे नहीं हैं और मुख्यमंत्री ने मेरे निवेदन को स्वीकार नहीं किया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जो प्रभारी मंत्री बने हैं उनके साथ मिलकर जबलपुर के विकास के लिए भी काम करेंगे। अजय विश्नोई ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पास इतना समय नहीं कि वे अलग से जबलपुर को समय दे सकें शायद इसीलिए उन्होंने प्रभार नहीं लिया। यह पहला मौका नहीं जब अजय विश्नोई ने सीधे सीधे मुख्यमंत्री या सरकार की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा हो। हालांकि उनके ताजा बयान ने एक बार फिर राजनीति गरमा दी है।