भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। “मिरी ज़बान के मौसम बदलते रहते हैं, मैं आदमी हूँ मिरा ए’तिबार मत करना” आसिम वास्ती का ये शेर यूं भी बाकमाल है और सियासी मसअलों पर तो बिल्कुल फिट बैठता है। राजनीति में व्यक्ति की विचारधारा और दल कब बदल जाए..कहना मुश्किल। एक वक्त में कांग्रेस के ‘माननीय’ रह चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया..अब कांग्रेस का नाम आते ही हाथ जोड़ लेते हैं।
सिंधिया बोले- “भाजपा में न गुट बड़ा न व्यक्ति, सबसे बड़ा संगठन”
भोपाल पहुंचे सिंधिया से पत्रकारों ने जब कांग्रेस और कमलनाथ को लेकर सवाल पूछा तो उन्होने हाथ जोड़ते हुए कहा कि “कांग्रेस को अपना भविष्य अपने आप ढूंढना है। दूसरे राजनीतिक दलों पर टिप्पणी करना मेरी आदत नहीं है, ये कांग्रेस के नेताओं की आदत है। मैं अपनी तरह से उनको अपनी सोच विचारधारा के लिए साधुवाद देता हूं। ये मेरी सोच विचारधारा नहीं है। मुझे केवल अपनी भारतीय जनता पार्टी के साथ मतलब है, अपने संगठन के साथ मतलब है, अपने कार्यकर्ताओं के साथ मतलब है और अपनी मध्यप्रदेश की जनता के साथ मतलब है।” इस तरह महाराज ने कांग्रेस पर टिप्पणी करने तक से इनकार कर दिया।
बता दें कि सिंधिया लंबे समय बाद भोपाल आए हैं और मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होने कहा कि बीजेपी मेरा घर है, इसलिए मैं सबसे मिलने आया हूं। बीजेपी की नई कार्यसमिति के बारे में उन्होने कहा कि पूरी पार्टी एक है। अपने समर्थकों को उसमें जगह दिये जाने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद दिया। राजनीतिक बदलाव को लेकर चल रही अटकलों को लेकर सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ऐसे सवाल उठाती है। यह उनका असली चेहरा है। हम आपस में मिले तो आप दुखी, ना मिले ताे सवाल उठाते हैं। वे ही बता दें कि हमें क्या करें, जिससे आप खुश हों?