कांग्रेस का सवाल उठते ही सिंधिया ने जोड़े हाथ, कहा-“दूसरे दलों पर टिप्पणी करना मेरी आदत नहीं”

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मिरी ज़बान के मौसम बदलते रहते हैं, मैं आदमी हूँ मिरा ए’तिबार मत करना” आसिम वास्ती का ये शेर यूं भी बाकमाल है और सियासी मसअलों पर तो बिल्कुल फिट बैठता है। राजनीति में व्यक्ति की विचारधारा और दल कब बदल जाए..कहना मुश्किल। एक वक्त में कांग्रेस के ‘माननीय’ रह चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया..अब कांग्रेस का नाम आते ही हाथ जोड़ लेते हैं।

सिंधिया बोले- “भाजपा में न गुट बड़ा न व्यक्ति, सबसे बड़ा संगठन”


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।