भोपाल। किसना कर्जमाफी के वादे के दम पर मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस के लिए बैंक की ओर से अच्छी खबर है। कमलनाथ सरकार राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों के एनपीए को लेकर वन टाइम सेटलमेंट करने की कोशिश कर रही थी। सरकार की ओर से कई अधिकारियों ने इस संबंध में मुंबई में जाकर बैंक अधिकारियोंं से चर्चा भी की थी। हाल ही में राजधानी में हुई बैठक में बैंक की ओर से संकेत भी मिली थे कि वह एनपीए को लेकर वन टाइम सेटलमेंट को लिए तैयार हैं। भारती स्टेट बैंक ने समेत दस बैंकों के बोर्ड आफ डायरेक्टर से कमलनाथ सरकार को हरी झंडी मिल गई है।
कमलनाथ सरकार ने 22 फरवरी से किसानों का कर्ज चुकाना शुरू कर दिया है। पहले चरण में सरकार प्रदेश के करीब 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफी करेगी। सरकार की योजना लगभग 50 लाख किसानों के कृषि ऋण माफ करने की है जिनके विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों में खाते थे। 1 मार्च तक, सरकार ने 25,49,451 छोटे और सीमांत किसानों के 10,123 करोड़ रुपये के एनपीए का निपटान करने की योजना बनाई है।
एसबीआई, सेंट्रल बैंक, बीओआई, यूनियन बैंक, पी एंड एसबी, ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स, इलाहाबाद बैंक और बैंक आफ महाराष्ट्र के बोर्ड आफ डायरेक्टर ने सरकार को एनपीए में छूट की इजाजत दे दी है। प्रमुख सचिव कृषि राजेश राजोरा ने कहा कि दो प्रमुख क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों -सेंट्रल एमपी ग्रामीण बैंक और नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक को भी उनके बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा, “यह समय के खिलाफ एक दौड़ थी। पैसा अड़चन नहीं था। जल्द ही आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है और सरकार ऐसा होने से पहले 25 लाख से अधिक किसानों को लाभान्वित करना चाहती है।