भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी अब कमलनाथ सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर भाजपा ने रणनीति तैयार कर ली है। संभवत: 5 मार्च के बाद भाजपा प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों को लेकर आंदोलन की शुरूआत करेगी। जिसमें मप्र भाजपा समेत केंद्र के नेता भी शामिल होंगे।
प्रदेश में सत्ता से बेदखल होने के बाद भाजपा अभी तक विभिन्न मुद्दों को लेकर सिर्फ बयानों तक सीमित रही है। सरकार के खिलाफ किसी भी तरह का आंदोलन करने से भाजपा बचती रही है, लेकिन अब कमलनाथ सरकार की नाकामियों को लेकर सरकार उतरने की रणनीति बना रही है। जिसे लोकसभा चुनाव में भुनाया जाएगा। हाल ही में भाजपा की प्रदेश स्तर एवं संभागीय मुख्यालयों पर विभिन्न बैठकों का आयेाजन किया गया है, जिसमें कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हो चुकी है। जिसमें तय किया गया कि भाजपा किसानों से जुड़े मुद्दे को ज्यादा तूल देगा, क्योंकि अभी तक कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्जमाफी के अलावा अन्य किसी तरह का कोई बड़ा काम नहीं किया है। कर्जमाफी के जरिए ही कांग्रेस लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जाएगी। लेकिन भाजपा इसी कर्जमाफी को भुनाने की तैयारी में है।
आचार संहिता का इंतजार
सरकार ने प्रदेश के करीब 51 लाख किसानों की कर्जमाफी का दावा किया है। जिसमें से 25 लाख 29 हजार करीब किसानों की कर्जमाफी पहले चरण यानी 2 मार्च तक की जाना है। शेष किसानों को लोकसभा चुनाव बाद यानी जून के बाद कर्जमाफी का फायदा मिलेगा। भाजपा इसी को लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाएगी। इसके लिए भाजपा किसान मोर्चा की टीम सक्रिय हो गई है। जल्द ही किसान मोर्चा मोदी सरकार की उपलब्धियां, जिसमें किसानों को हर साल 6 हजार रुपए देने की योजना भी शामिल है एवं कमलनाथ सरकार की नाकामियों को लेकर जनता के बीच जाएगी। आचार संहिता लागू होते ही भाजपा नेता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 10 दिन में कर्जमाफी, सुनवाई नहीं करने पर मंत्रियों को हटाने समेत अन्य वादों को भुनाना शुरू कर देगी।
ये भी रहेंगे मुद्दे
कर्जमाफी के अलावा प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, अधिकारियों के तबादले, सभी विभागों के विकास कार्य ठप, फसल प्रोत्साहन राशि नहीं मिलना, भ्रष्टाचार आदि को भी मुद्दा बनाया जाएगा। भाजपा जल्द ही सतना समेत अन्य जिलों में हुई अपहरण की घटनाओं को लेकर कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में है।
कांग्रेस ने दो लाख तक के कर्जे को माफ करने की घोषणा की थी और यह कर्जमाफी भी 10 दिनों में होनी थी। सरकार वादे तो पूरे कर नहीं रही,किसानों को परेशान किया जा रहा है। हम किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं होने देंगे। भाजपा हमेशा किसानों के लिए लड़ती रहेगी।
शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा
कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मप्र में अपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं, किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ। रोजगार के नाम पर तबादला उद्योग फल-फूल रहा है। जिससे मप्र की प्रशाासनिक स्थिति चरमरा गई। भाजपा इन बातों को लेकर व्यापक परणनीति बना रही है और जल्द गांव-गांव,शहर-शहर जाएंगे।
दीपक विजयवर्गी, मुख्य प्रवक्ता भाजपा
भाजपा को किसानों के हित की बात करने का हक नहीं है। भाजपा अब किसानों के पक्ष में खड़ा होने की नौटंकी कर रही है। जब किसानों ने मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह से मांग की थी कि कर्ज माफ करो, फसलों के अच्छे दाम दिलाओ, आय दो गुनी करो। तब उनकी बात नहीं सुनी। अब किस मुंह से बोल रहे हैं।
नरेन्द्र सलूजा, मीडिया समन्वयक, पीसीसी अध्यक्ष