बैतूल के हजारों किसानों की उड़ी नींद, ब्याज के साथ कर्ज चुकाने का नोटिस जारी

Gaurav Sharma
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बैतूल,डेस्क रिपोर्ट। साल 2018 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में किसान कर्ज माफी (Farmers Loan waiver) पूर्व की कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) के लिए हुकुम का इक्का साबित हुआ था। कर्ज माफी कमलनाथ  के काफी हद तक कारगर साबित हुआ था, जिसने उनके हाथों में सत्ता की डोर थमाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस वक्त जिन किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिला था, उसमें बैतूल जिले के किसानों के लिए कर्ज माफी ने अभी के समय में उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।

ब्याज समेत चुकाना होगा कर्ज

दरअसल कर्ज माफी (loan Waiver) ने प्रदेश के बैतूल (Betul) जिले के किसानों (Farmers) की रातों की नींद उड़ा दी है। बैतूल जिले के हजारों किसानों को सहकारी समितियों द्वारा एक नोटिस (Notice) भेजा गया है, जिसमें उनसे लिया गया कर्ज ब्याज (Interest) समेत चुकाने के लिए कहा गया है। यह नोटिस उन किसानों को भेजा गया है जिन्हें पूर्व की कमलनाथ सरकार द्वारा कर्ज माफी योजना में शामिल किया गया था।

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किसानों को थमाया गया नोटिस

बताया जा रहा है कि प्रशासन द्वारा बैतूल के 30 हजार 588 किसानों को कर्ज चुकाने का आदेश जारी किया गया है। इन किसानों द्वारा 50 हजार से लेकर 2 लाख तक का कर्ज लिया गया था। 30 हजार 588 किसानों द्वारा लिए गए कर्ज की कुल राशि 188 लाख है। सहकारी समितियों द्वारा इन किसानों को डिफॉल्टर घोषित करने के बाद इन्हें नोटिस थमा दिए गए हैं।

किसानों की बीच मचा हड़कंप

बता दें कि कमलनाथ सरकार की कर्ज माफी योजना में बैतूल जिले के 96 हजार से ज्यादा किसान शामिल हुए थे। जिन किसानों को कर्ज माफी योजना में शामिल किया गया था अब उन किसानों को कर्ज चुकाने का नोटिस मिलने से उनके बीच में हड़कंप मच गया है। गौरतलब है कि इन किसानों को सहकारी समितियों द्वारा खाद बीज देने से भी इनकार कर दिया गया है।

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नहीं पहुंचा किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा

वहीं बीते दिन 7 लाख किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं पहुंच सका था। इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है कि ट्रांजैक्शन फेल होने के चलते पैसा नहीं पहुंचा था। ट्रांजैक्शन फेल होने के पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि पटवारी द्वारा या तो खाता नंबर लिखने में गलती हुई है या फिर आधार कार्ड में आई तकनीकी दिक्कत के चलते पैसा किसानों के खाते में नहीं पहुंच पाया। किसान सम्मान निधि का पैसा खाते में नहीं पहुंचने के चलते किसान परेशान हो रहे हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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