भोपाल। कांग्रेस सरकार आने के बाद से लगातार प्रदेश में तबादलों का दौर जारी है। विपक्षा भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हावी है। हाल ही में प्रदेश में नई तबादला नीति जारी की गई है। इसके तहत जुलाई तक प्रदेश में 50 हजार तबादले होना है। राजधानी भोपााल में मंत्रियों और राजनेताओं के बंदलों के बाहर लंबी लंबी लाइनें लग रही हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तबादले की चाह रखने वाले मनचाही रकम तक देने के लिए तैयार हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के बंगलों पर सबसे ज्यादा भीड़ दिखी। महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी और पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल के यहां भी जमघट लग रहा है। खबर है कि उनका स्टाफ दूरदराज तबदाले के लिए आए कर्मचारियों के आवेदन लेता रहा है। मंत्रालय में भी आज कल चहलपहल बढ़ गई है। मंत्रियों के कक्ष के बाहर लोग घूमते दिख रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नई ��रकार में चार चरह के तबादले किए जा रहे हैं। इनमें सरकार या मंत्री जिसे हटाना चाहते हैं या फिर अपने पसंद का कोई अफसर संबंधित विभाग में लाना चाहते हैं। दूसरा तरीका है रिश्वत के जरिए मनपसंद की जगह पाना। तीसरा सिफारिश के जिरए तबादला। और चौथा है प्रशासनिक जरूरत के हिसाब से होने वाले तबादले।
इस विभाग में सबसे अधिक तबादले
स्कूल शिक्षा विभाग में 400 से अधिक आवेदन तबादे के आ चुके हैं। वही, महिला बाल विकास, ग्रामीण विकास, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस समेत अन्य विभागों में भी तबादले के लिए आवेदन के ढेर लगे हैं।
भोपाल बना पहली पसंद
तबादले की चाहत रखने वालों में भोपाल और इंदौर पहली पसंद बना हुआ है। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और स्वास्थ्य महकमे में सबसे ज्यादा आवेदन इन दोनों शहरों या इनके आस पास के लिए आ रहे हैं। भोपाल के स्कूलों में पदस्थापना के लिए भारी भीड़ है।