भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने हमेशा राजनीति (Politics) का केन्द्र रहे कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को लेकर बड़ा ऐलान किया है।नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में यदि कश्मीर के ऐसे निर्वासित हैं, जिनकी जमीनें कश्मीर में हड़पी गई है तो वह गृह मंत्रालय को आवेदन दें। प्रदेश सरकार भारत सरकार के गृह मंत्रालय से अनुरोध कर जमीन वापस दिलाने का प्रयास करेगी।
आज मीडिया से चर्चा करते हुए मिश्रा ने कहा कि कश्मीर में रोशनी एक्ट (Roshni Act) के नाम पर अंधेरा फैलाने का नापाक काम किया है रोशनी एक्ट के तहत कश्मीर की जमीन हड़पने वाले मध्य प्रदेश के नागरिकों की सरकार मदद करेगी ।रोशनी एक्ट कांग्रेस (Congress) की ओर से पैदा किया गया अभिशाप है। कुछ लोगो ने आतंकवाद (Terrorism) से मिलकर रोशनी के नाम पर कश्मीर में अंधेरा फैलाया, कश्मीर स्वर्ग कहा जाता था, नरक बनाने की नापाक कोशिश की। अगर ऐसा कोई मप्र में है, तो उनसे प्रार्थना है, रोशनी एक्ट के तहत उनकी जमीन हड़पी है तो गृह मंत्रालय (Home Ministry )को जानकारी दें, केंद्र से आग्रह करेंगे उन्हें न्याय मिलें।
कैबिनेट के बाद विधानसभा में लाया जाएगा लव जिहाद कानून
लव जेहाद कानून को लेकर होने वाली बैठक को लेकर कहा कि धर्म स्वातंत्र्य विधेयक -2020 (Freedom of Religion Bill -2020) के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए आज मंत्रालय में बैठक रखी गई है। इसके बाद इसे अनुमोदन ले लिए कैबिनेट (Shivraj Cabinet) में रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे अगले महीने विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) में पेश किया जाएगा।
लॉकडाउन की अफवाहों का खंडन
वही सोशल मीडिया पर एमपी में दोबारा लॉकडाउन (Lockdown) की खबरों का खंडन करते हुए मिश्रा ने कहा कि लॉक डाउन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सोशल मीडिया में अनावश्यक भ्रम न फैलाया जाए किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं।किसानों (Farmers) का एक-एक दाना खरीदा जाएगा जैसे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के निर्देश हैं।
क्या है रोशनी एक्ट
गरीबों के घरों को रोशन करने के नाम पर नेशनल कांफ्रेंस सरकार (National Conference Government) ने जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir भूमि एक्ट 2001 लागू किया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने वर्ष 1990 से हुए अतिक्रमण को इस एक्ट के दायरे में लाकर नियमित करने का फैसला किया था, मगर एक्ट का फायदा उठाकर राजनेताओं, नौकरशाहों और व्यवसायियों ने सरकारी और वन भूमि की बंदरबांट की। इतना ही नही योजना के तहत सरकार की नाक के नीचे सरकारी जमीन को नियमित करने के लिए कई नए अतिक्रमण (Encroachment हुए। वर्ष 2005 में मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पीडीपी सरकार (PDP Government) ने योजना का दायरा 2004 तक हुए कब्जों तक सीमित कर दिया। वहीं, गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad ) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इसे वर्ष 2007 तक सीमित किया।