भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों (outsource MP Employees) द्वारा लगातार वेतन (salary) संबंधी मांग को लेकर हंगामा किया जा रहा है। बीते दिनों व्यावसायिक शिक्षकों (VT) द्वारा भारत सरकार के शिक्षा मंत्री और मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखा गया शिक्षकों को नियमित रूप से वेतन नहीं दिया जा रहा है। शिक्षकों की मांग है कि नियमित रूप से उन्हें मासिक वेतन मिलना चाहिए।
मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय (Madhya Pradesh Directorate of Public Instruction) के समग्र शिक्षा अभियान के अपर परियोजना संचालक द्वारा व्यवसायिक शिक्षक आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया गया है। जारी नोटिस के मुताबिक आउटसोर्स कर्मचारी सीधे तौर पर राज्य स्तर पर पत्र लिखकर अपनी मांग को जारी रखेंगे तो इसे कंपनी और समग्र शिक्षा अभियान परियोजना के विरुद्ध माना जाएगा और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
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Outsource कर्मचारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी बड़ा आदेश दिया गया था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हुए कहा था कि शासन के किसी भी योजना में काम करने वाले कर्मचारी के अधिकारों की रक्षा का दायित्व राज्य शासन का है। ऐसे विनियमित क्या शासन द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारियों राज्य शासन से जायज है।
बता दें कि समग्र शिक्षा सेकेंडरी एजुकेशन परियोजना के लिए 34 कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों की मांग पर कंपनियां विचार करें और कर्मचारियों को राज्य शासन से सीधे तौर पर पत्राचार करने से रोके। वहीं अब एचआर कंपनी द्वारा नियमित वेतनमान और आउटसोर्स कर्मचारियों की मांग पर विचार किया जा रहा है। कंपनी के दायरे से बाहर होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।