भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MP के किसानों को लेकर राज्य सरकार (MP Government) ने बड़ा फैसला किया है।इसके तहत अब अदरक, प्याज, लहसुन आदि मसाला फसलों के उन्नत किस्मों के बीजों को उद्यानिकी विभाग खरीदेगा।फल, सब्जी और मसाला फसलों की उन्नत किस्म के बीजों को केरल, असम सहित अन्य राज्यों से भी उद्यानिकी विभाग खरीदेगा। किसानों की मांग के अनुरूप सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी ।उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने 17 जिलों के सब्जी, फल मसाला फसलों के उत्पादक किसानों से वर्चुअली संवाद करने के बाद अधिकारियों को यह निर्देश दिये।वह जिलों का दौरा भी करेंगे और अधिकारियों को साथ लेकर किसानो से सीधे उनके खेत पर भी मिलेंगे।
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दरअसल, आज राज्य मंत्री कुशवाह (Bharat Singh Kushwaha) आज निवास स्थित कार्यालय से प्रदेश के सब्जी, फल और मसाला उत्पादक किसानों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर रहे थे। उद्यानिक एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग (Horticulture and Food Processing Department) द्वारा एक जिला-एक उत्पाद में मसाला, फल और सब्जी के लिये चयनित जिलों में उत्पादन को बढ़ावा देने के संबंध में अधिकारियों और किसानों से राज्यमंत्री ने संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया।उन्होंने कहा कि प्रदेश के 52 जिलों में जिन जिलों को मसाला खेती, सब्जी खेती और फल की खेती के लिये चुना गया है। उन जिलों में इन फसलों के उत्पादन से जुड़े किसानों से सीधी बातचीत कर किसानों की जमीनी जरूरतों को समझने का प्रयास है।
राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि फल, सब्जी और मसाला फसलों के उत्पादन किसानों (Farmers) को उनके उत्पाद का पूरा-पूरा लाभ नहीं मिलता। कच्चा माल बेचने पर भाव कम मिलता है और फल, सब्जी, मसाला फसलों को भण्डारण और प्रोसेसिंग नहीं करने पर कच्चा माल बेचने की मजबूरी होती है। किसानों को मजबूर न होने पड़े इसके लिये उद्यानिकी विभाग ने किसानों को ही अपने उत्पादों का भण्डारण और प्र-संस्करण करने की इकाईयाँ लगाने की योजना क्रियान्वित की है।किसानेां से कहा कि आय दोगुना करने के लिये हमें दो तरह से काम करना होगा। उत्पादन के साथ-साथ भण्डारण और प्र-संस्करण के क्षेत्र में भी काम करवा है।
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राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि प्रोजेक्ट बना लिये गये है और उद्यानिकी विभाग के माध्यम से बैंकों को स्वीकृति के लिये भेजे गये है। किसानों को जिस प्रजाति और किस्म का बीज चाहिए है। वह उपलब्ध कराया जाएगा। इन राज्यों से मसाला फसलों और सब्जी के बीजों को विभाग खरीदे और किसानों को उपलब्ध करायें। भण्डारण एवं प्र-संस्करण के किसानों के बैंकों को दिये गये प्रोजेक्ट को समय-सीमा स्वीकृत कराने के पहले करेंगे। किसानों द्वारा दिये गये सुझावों का डाक्यूमेंटेशन करने का अधिकारियों को राज्यमंत्री ने निर्देश दिये। सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जायें और किसानों के सुझावों पर अमल भी सुनिश्चित हों।
अलग अलग जिलों के किसानों से संवाद
- एक जिला-एक उत्पाद में मसाला फसलों में अदरक के लिये चयनित बड़वानी, टीकमगढ़, निवाड़ी, लहसुन के लिये मंदसौर और रतलाम, हरी मिर्च के लिये खरगौन, हल्दी के लिये रीवा एवं शहडोल और धनिया के लिये गुना और नीमच के किसानों से संवाद किया।
- फल में सीताफल के लिये अलीराजपुर, धार, सिवनी, आम के लिये अनुपपुर, बैतूल, सीधी, सिंगरौली एवं उमरिया, अमरूद के लिये भोपाल, होशंगाबाद, सीहोर, श्योपुर, केला के लिये बुरहानपुर, संतरा के लिये आगर-मालवा, राजगढ, और आंवला के लिये पन्ना जिले के किसानों से संवाद किया।
- सब्जियों में प्याज के लिये एक फसल-एक उत्पाद में चयनित हरदा, खण्डवा, शाजापुर, विदिशा और उज्जैन जिलों के किसानों से चर्चा की।
- किसानों के साथ मौजूद जिला अधिकारियों ने जिले में मसाला, फल और सब्जियों के उत्पादन के कुल क्षेत्र उत्पादक किसान और उत्पादन की मात्रा से अवगत कराया इसके साथ ही उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को दिये जा रहे लाभ के संबंध में भी जानकारी दी।