मप्र के पंचायत चुनावों से जुड़ी बड़ी खबर, अब आयोग ने लिया ये अहम फैसला

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election 2022) को लेकर नई अपडेट आई है।राज्य निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश के चलते पंचायत चुनाव के लिए तैयार कराई जाने वाली फोटोयुक्त मतदाता सूची के कार्यक्रम को सोमवार को स्थगित कर दिया, ऐसे में अब मतदाता सूची तभी तैयार होगी, जब परिसीमन का काम पूरा हो जाएगा। इसके आधार पर ही वार्डवार मतदाता सूची तैयार होगी।

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राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद (State Election Commission Secretary BS Jamod) ने बताया है कि पंचायतों की फोटोयुक्त मतदाता सूची का वार्षिक पुनरीक्षण कार्यक्रम वर्ष-2022 आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। पुनरीक्षण का कार्यक्रम 29 दिसम्बर 2021 को जारी किया गया था, लेकिन मध्यप्रदेश अध्यादेश क्रमांक 15 सन् 2021 दिनांक 30 दिसम्बर 2021 को मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित हुआ है। अध्यादेश के प्रवर्तित होने के फलस्वरूप ग्राम पंचायतों में वर्तमान प्रभावशील परिसीमन की जानकारी राज्य शासन (MP Government) से चाही गई है।

दरअसल, 29 दिसंबर को आयोग द्वारा एक जनवरी, 2022 की संदर्भ तिथि के आधार पर पंचायतों की फोटोयुक्त मतदाता-सूची के वार्षिक पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर किया गया था। इसके तहत रजिस्ट्रीकरण एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की नियुक्ति 30 दिसम्बर, 2021  और फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता-सूची का ग्राम पंचायत एवं अन्य विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 4 जनवरी, 2022 को किया जाना था। स्टेण्डिंग कमेटी की बैठकों का आयोजन 4 एवं 5 जनवरी और प्रारूप मतदाता-सूची के संबंध में दावा-आपत्ति केन्द्रों पर 4 से 9 जनवरी, 2022 तक दावे-आपत्ति प्राप्त किया जाना था। इस दौरान 18 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता दावा प्रस्तुत कर मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं। दावा-आपत्तियों का निराकरण 12 जनवरी  और फोटोयुक्त अंतिम मतदाता-सूची का सार्वजनिक प्रकाशन 16 जनवरी, 2022 को ग्राम पंचायत तथा अन्य विहित स्थानों पर किया जाना था, लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है।

पंचायतों का फिर से होगा परिसीमन

मध्यप्रदेश के राज्यपाल द्वारा गुरूवार को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2021 प्रख्यापित किया गया है। इस अध्यादेश के द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में एक नयी धारा 10 क जोड़ी गई है। इसके द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि यदि पंचायतों के कार्यकाल के समाप्ति के पूर्व किए गए पंचायतों अथवा उनके वार्डों अथवा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन अथवा विभाजन के प्रकाशन की तारीख से अठारह माह के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी कारण से निर्वाचन की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है तो ऐसा परिसीमन अथवा विभाजन अठारह माह की अवधि की समाप्ति पर निरस्त समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में इन पंचायतों और इनके वार्डों और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन अथवा विभाजन नये सिरे से किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2020 के पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के लिए सितम्बर 2019 में परिसीमन की कार्यवाही की गई थी, जो इस अध्यादेश के परिणामस्वरूप निरस्त हो गई है। अब पंचायतों और उनके वार्डों तथा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और विभाजन की कार्यवाही पुनः की जाएगी, जिसके आधार पर निर्वाचन की लंबित प्रक्रिया संपन्न होगी।

 


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