भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना की तीसरी लहर (Corona third wave) की संभावना के बीच अप्रैल-मई के मध्य मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Elections) आयोजित किए जा सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) द्वारा इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं आयोग ने परिसीमन और वोटर लिस्ट (voter list) बनाने की टाइमलाइन (time table)भी जारी कर दी है। वही माना जा रहा है कि अप्रैल महीने में चुनाव आयोजित की जा सके। हालांकि चुनाव पर ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) का मामला सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद अहम होगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही पंचायत चुनाव का बिगुल बजेगा।
जिस तरह से सरकार लगातार नए निर्देश जारी कर रही है। वह राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा एक बार फिर से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जिस तरह से टाइम लाइन जारी की जा रही है। माना जा रहा है कि सरकार पूरी तरह से विश्वस्थहै। इस मामले में चर्चा है कि मध्य प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान April-May में एक बार फिर से नए सिरे से किया जा सकता है।
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राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा एक बार फिर से वोटर लिस्ट मध्यप्रदेश शासन की तरफ से परिसीमन के प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। CM Shivraj ने सभी जिला कलेक्टरों को परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 45 दिन का समय निर्धारित किया है। इसके अलावा बीते दिनों प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam mishra) का भी बड़ा बयान सामने आया था। जब उन्होंने कहा था कि सरकार मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव जल्द से जल्द आयोजित करवाने के मूड में है।
पंचायत एंड ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया (mahendra singh sisodiya) का कहना है कि परिसीमन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव नहीं कराए जाएंगे। सरकार द्वारा यह तय किया गया है। इस हिसाब से चुनाव जल्द से जल्द करा लेंगे लेकिन अब यह देखना है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति क्या रहती है।
ज्ञात हो कि 17 से 28 फरवरी तक होने वाली परिसीमन की कार्रवाई बिना किसी विवाद के निपट जाती है, वहीं सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण का मामला सुलझ जाता है तो ओबीसी आरक्षण लागू करने में मुश्किल से 15 दिन लगेगा। इसके साथ पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकती है। बता दें कि आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 3 दिन के बाद 17 जनवरी को होनी है।
इससे पहले पंचायत चुनाव को लेकर 27% ओबीसी आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसके लिए सरकार द्वारा बड़ी तैयारी कर ली गई है सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए अपना पक्ष मजबूत करते हुए ओबीसी मतदाताओं की संख्या की गणना की बात कही थी। इस मामले में निर्देश भी दिए गए थे। सरकार इस आंकड़े के जरिए सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत कर सकती है वही फैसला सरकार के पक्ष में लिया जा सकता है।