भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक ली। सीएम ने दावा किया भाजपा चौथी बार फिर सरकार बना रही है। हमने जो लक्ष्य तय किया था हमे वह मिल रहा है। कांग्रेस अफवाह फैला रही है। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का भी सीएम ने सम्मान किया।
हम 2013 के विधानसभा चुनाव से भी अधिक सीटें जीतने जा रहे है। यह हमारा आंकलन है और इसका ठोस आधार हमारे पास है। हमारे कार्यकर्ता का कठोर परिश्रम, हमारी सरकार द्वारा किए गए काम और विभिन्न स्तर पर प्राप्त हुई जानकारी के आधार पर हम आत्मविश्वास से भरे हुए है। यह स्पष्ट है कि जनता के पास कांग्रेस को वोट देने का कोई कारण नहीं था। यह जो ढाई प्रतिशत वोट बड़ा है वह भाजपा सरकारों की नीतियों और योजनाओं को स्पष्ट समर्थन है। हमारे व्यवहारिक आंकलन के सामने कोई भी आंकलन टिकता नहीं है और हमने देखा है कि मतदाताओं में और विशेषकर युवाओं, महिलाओं तथा नवमतदाताओं में भाजपा के प्रति विशेष स्नेह उमड़ रहा था। इस बार 40 लाख नए मतदाताओं ने वोट डाला और वह वोट हमारा वोट था। इस चुनाव में गरीबों ने भाजपा का साथ दिया है। क्योंकि हमारी सरकार ने गरीबों के जीवन को बदलने का काम किया है। हम जोरदार और स्पष्ट बहुमत की ओर बड़ रहे है। यह बात शनिवार को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कही।
कांग्रेस को कलह से निपटने के लिए तैयारी करना चाहिए
बैठक में मौजूद प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने एक्जिट पोल के आंकड़ों को झुठलाते हुए कहा है कि सरकार तो हमारी ही बनेगी। एक्जिट पोल के नतीजे हमेशा सच नहीं होते, पूर्व में भी कई चुनावों में इनकी भविष्यवाणियां गलत साबित हो चुकी है। उन्होंने सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में सरकार हमारी ही बनेगी और कांग्रेस के वनवास की अवधि पांच साल के लिए फिर बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सरकार बनाने की नहीं, बल्कि चुनाव परिणाम आने के बाद उसके कुनबे में जो कलह होने वाली है, उससे निपटने की तैयारी करना चाहिए।
एक्जिट पोल पहले भी की हैं गलत भविष्यवाणियां
एक्जिट पोल के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में भी कई बार इनके निष्कर्ष गलत साबित हो चुके हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पिछले विधानसभा चुनाव में किसी भी एक्जिट पोल में भाजपा को बहुमत नहीं मिल रहा था, लेकिन जब परिणाम आए, तो हमें 312 सीटें मिलीं। इसके साथ ही उन्होंने तमिलनाडु और बिहार विधानसभा चुनावों तथा वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव का भी उदाहरण दिया।