भोपाल| लोकसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में घमासान मचा हुआ है| टिकट फाइनल करने में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में खींचतान नजर आ रही है, जिसके चलते अभी तक सभी सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं हो पाया है| नामांकन भरने के दो दिन निकल भी गए, लेकिन अभी भी इस चरण की 6 सीटों में कांग्रेस के चार और भाजपा के एक उम्मीदवार की घोषणा बाकी है। सभी 29 सीटों में भाजपा के 11 और कांग्रेस के 20 उम्मीदवारों के चेहरे अभी तक सामने नहीं आ पाए हैं। दोनों ही पार्टियों में कुछ सीटों पर नाम तय हो चुके हैं लेकिन नाम का ऐलान नहीं किया गया है, कुछ सीटों पर पेंच फंसा हुआ है जिसको लेकर सूची अटकी हुई है| संभावना है कि बुधवार रात तक दोनों ही पार्टी सूची जारी कर सकती है|
कांग्रेस में यहां फंसा पेंच
कांग्रेस में रीवा से सिद्धार्थ तिवारी और राजगढ़ से मोना सुस्तानी को लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जाना तय है। राजगढ़ लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की राय को महत्ता दी जा रही है। इंदौर, ग्वालियर और विदिशा लोकसभा सीट पर प्रत्याशी तय किए जाने का फैसला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ दिया गया है। वहीं कांग्रेस भिंड और उज्जैन से चौंकाने वाला फैसला कर सकती है। दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भिंड से देवाशीष जरारिया,उज्जैन से बाबूलाल मालवीय और देवास से लोकगायक प्रहलाद टिपाणिया को प्रत्याशी बनाने पर विचार हुआ। देवाशीष बसपा के युवा नेता रहे है, जो विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे। प्रदेश में बसपा प्रमुख मायावती की काट के लिए कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के युवा नेता को पार्टी में शामिल किया। हालांकि उनका विरोध भी शुरू हो गया है भिंड के नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से इस मामले में हस्तक्षेप कर किसी स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग की है। भिंड-दतिया लोकसभा सीट से इस बार भाजपा ने पूर्व विधायक संध्या राय को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी के घोषित होने का इंतजार चल रहा है।
नाम तय फिर भी सूची अटकी
इसके अलावा इंदौर सीट से भाजपा के उम्मीदवार के ऐलान का इंतजार किया जा रहा है, यहां से तीन नाम सामने आये हैं| जिनमे शोभा ओझा का नाम भी है| इसके अलावा विदिशा पर भी सस्पेंस है| गुना से सिंधिया का नाम तय होने के बाद भी घोषणा नहीं हुई है, वहीं जबलपुर में कांग्रेस से विवेक तन्खा के नाम की चर्चा है। उनका सोशल मीडिया पर भाजपा उम्मीदवार राकेश सिंह के साथ चुनावी जंग भी शुरू हो गया है, लेकिन तन्खा की उम्मीदवारी अटकी हुई है। यहां 29 अप्रैल को मतदान होना है। नामांकन का समय निकल रहा है, लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान के चलते प्रत्याशी का ऐलान नहीं हो पा रहा है। छिंदवाड़ा में कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशी का ऐलान नहीं कर पाए हैं। कमलनाथ की इस सीट पर कांग्रेस उनके पुत्र नकुलनाथ को उम्मीदवार बनाना चाहती है, लेकिन देरी का कारण कयासों को जन्म दे रहा है। वहीं सीधी में कांग्रेस की ओर से अजय सिंह का नाम चल रहा है, लेकिन अभी तक ऐलान अटका हुआ है। इससे कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
भाजपा में इन सीटों पर मुश्किल
बीजेपी को सबसे ज्यादा मुश्किल इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, विदिशा के नाम तय करने में आ रही है। एक तरफ भोपाल में दिग्विजय सिंह के सामने बीजेपी को दमदार चेहरे की तलाश है इसके लिए पहले शिवराज फिर नरेंद्र तोमर का नाम सामने आ चुका है। इसके बाद इंदौर में सुमित्रा महाजन का विकल्प ढ़ूंढना बीजेपी के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। इधर, सुषमा स्वराज के विदिशा से लड़ने से मना करने के बाद पार्टी को नए चेहरे की तलाश है। सुषमा ने स्थानीय नेताओं को दिल्ली बुलाया है| जिनसे राय लेने के बाद ही विदिशा का उम्मीदवार तय होगा| वहीं ग्वालियर में भी पार्टी को सिंधिया का तोड़ चाहिए। ऐसा माना जा रहा है इसके अलावा बची सीटों पर नाम लगभग तय कर लिए गए हैं। आज बीजेपी की एक और सूची जारी होने की पूरी संभावना है। भाजपा यहां गोंडवाना पार्टी अध्यक्ष मनमोहन शाह बट्टी को चुनाव लड़वाना चाहती थी, लेकिन स्थानीय विरोध में मामला उलझ गया है। कुछ सीटों पर विरोध सामने आने के बाद प्रत्याशी बदलने पर भी मंथन चल रहा है|