MP की इन दस सीटोंं पर भाजपा का भारी विरोध, संघ की शरण में नेता

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भोपाल। 2014 में मोदी लहर के बल पर देश भर में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा के लिए 2019 चुनौतियों से कम नहीं है। मध्य प्रदेश की 29 में 27 सीटों पर फतह हासिल करने वाली भाजपा को इस बार कई वर्तमान सांसदों के टिकट काटना पड़े हैं, वहीं, जिन्हें पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है उनका भी खुल कर विरोध शुरू हो गया है। भाजपा ने अब तक 18 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। इनमें से 10 सीटों पर उम्मीदवारों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले विधानसभा चुनाव के समय पार्टी को दो दर्जन सीटों पर विरोध का सामना करना पड़ा था। 

शहडोल से सांसद ज्ञान सिंह का पार्टी ने टिकट काट दिया है। जिससे उन्होंंने नाराज हो कर शहडोल लोकसभा सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। उनके बाद बालाघाट सीट से सांसग बोध सिंह भगत का भी पार्टी ने टिकट काट दिया है। भगत ने भी बगावती तेवर अपनाते हुए पार्टी से विद्रोह कर दिया है उन्होंने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके अलावा पार्टी ने राजगढ़ से एक बार फिर वर्तमान सांसद पर विरोध के बाद भी भरोसा जताया। लेकिन उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। जब उनके नाम की घोषणा की गई तो भाजपा के स्थानीय नेताओं ने उनका पुतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया। मंदसौर लोकसभा क्षेत्र के सभी विधायक दूसरी बार सांसद सुधीर गुप्ता को मैदान में उतारने के पार्टी के फैसले से नाराज हैं। प्रदेश महासचिव बंशीलाल गुर्जर ने गुप्ता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

विंध्य में भी बिगड़े हालात

विंध्य में भी भाजपा को नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। सीधी से रीती पाठक को एक बार फिर टिकट दिया गया है। जिससे नाराज होकर सीधई जिला अध्यक्ष कांतिदेव सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। लेकिन पार्टी ने बाद में उन्हें मना लिया। लेकिन उनके अलावा भी दूसरे स्थानीय नेता पाठक के खिलाफ हैं। सतना में वर्तमान सांसद और उम्मीदवार गणेश सिंह के खिलाफ बीजेपी विधायक ने मोर्चा खोल रखा है। सिंह को यहां से भितरघात का खतरा है। पूर्व सांसद अशोक अर्गल ने भिंड में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं । भिंड से इस बार भाजपा ने वर्तमान सांसद भागिरथ प्रसाद का टिकट काट दिया है। उनके जगह दिमनी से पूर्व विधायक रही संध्या राय प्रत्याशी बनाया गया है। जिससे अशोक अर्गल नाराज बताे जा रहे हैं। भागीरथ प्रसाद ने भी पार्टी के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। 

वहीं, टीकमगढ़ से वीरेंद्र खटीक को टिकट मिलने से भी स्थानीय नेताओं में नाराजगी है। पूर्व विधायक आरडी प्रजापति और केके श्रीवास्तव खटीक का खुलकर विरोध कर रहे हैं। दमोह लोकसभा क्षेत्र के विधायक प्रहलाद पटेल से खुश नहीं हैं। पटेल को आगामी चुनावों में पार्टी नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। खंडवा में सांसद नंदकुमार सिंह चौहान और पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस के बीच का विवाद सभी को पता है। अन्य नेता भी खंडवा लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार चौहान के खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए आगे आए हैं। कई नेता गजेंद्र पटेल को टिकट देने और खरगोन में सांसद सुभाष पटेल का टिकट काटे जाने से नाराज हैं। 

राज्य के नेताओं ने भाजपा के भीतर असंतोष को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से मदद मांगी। संघ नेताओं ने भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठनात्मक महासचिव सुहास भगत से क्षति नियंत्रण करने को कहा है। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कुछ स्थानों पर मामूली नाराजगी हो सकती है, जिन्हें चर्चा के बाद पार्टी संगठन स्तर पर सुलझा लिया जाएगा।


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