भोपाल। विधानसभा में पहली बार कमलनाथ सरकार को विपक्ष के तीखे-तेवरों का सामना करना पड़ सकता है। विपक्ष कर्जमा���ी, अपराध, कटौती और तबादलों को मुद्दा बनाकर सरकार की घेराबंदी करेगा। विधानसभा सत्र के दौरान कभी भी कर्नाटक जैसे हालात बन सकते हैं, इसलिए विधायक मौजूद रहें। साथ ही विदेश या प्रदेश के बाहर जाने के कार्यक्रम भी फिलहाल टाल दें। हालांकि इस मसले पर भाजपा ने खुलकर कुछ नहीं कहा है। भाजपा विधायक दल की बैठक में इस पर जोर दिया गया कि विधायक सदन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में मौजूद रहें।
बैठक में विधायकों से कहा गया कि विधायक पूरी ताकत, अध्ययन और ऊर्जा के साथ जन समस्याओं से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाएं। सदन में पूरी संख्या में हमेशा उनकी मौजूदगी रहे। वे मुखर रहें और सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर कर दें। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि विधानसभा का बजट सत्र इस लुटेरी सरकार के तेवर ढीले करने के लिए अच्छा अवसर है। इस सरकार का बस एक ही काम है-लाओ पैसा। उन्होंने कहा कि कर्जमाफी और किसानों से जुड़ी अन्य समस्याओं को सदन में उठाएं। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति में अपनी नाकामी को छुपाने के लिए यह सरकार कभी भाजपा, तो कभी चमगादड़ और उपकरणों को दोष देती है। उन्होंने कहा कि बजट पर हम सार्थक किन्तु तीखी बहस करेंगे और उसका है कि इस सरकार के कामकाज से असंतुष्ट विधायक भी हमारी आवाज में अपने सुर मिला सकते हैं।
सरकर को जितना घेरेंगे, उतना ही माहौल बनेगा: भार्गव
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि संख्या बल में हम सत्ता पक्ष के बराबर हैं। ऐसे में हम जितनी ताकत से सरकार को घेरेंगे, उसी से माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि विधायक पूरी ऊर्जा और अन्वेषण के साथ मुद्दों को उठाएं। हम स्थानांतरण, भावांतर, विधायकों की उपेक्षा और कर्मचारियों की समस्याओं को पूरी ताकत से उठाएंगे। सरकार पैसे की कमी का रोना रोती है, लेकिन इस सरकार ने 6-7 माह में करीब 50 हजार तबादले किए हैं, जिनके भत्तों ���र ही 600 करोड़ खर्च हो गए। मंत्रियों के बंगलों की साज-सज्जा पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की कामकाज की मानसिकता नहीं है, वे ज्यादा समय छुट्टी में ही बिताना चाहते हैं।
भाजपा सरकारों का कार्यकाल ऐतिहासिक:भगत
प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा कि देश में पिछले 5 साल और प्रदेश में 15 साल हमारी सरकारें रहीं। इन सरकारों ने जो काम किए हैं, वे ऐतिहासिक हैं। भगत ने विधायकों से सदस्यता अभियान में सक्रिय भागीदारी की बात कहते हुए कहा कि हम जिन बूथों पर जीते हैं, वहां तो 500-600 सदस्य भी बना सकते हैं, लेकिन जहां हम हारे हैं, उन बूथों पर भी कम से कम 100 सदस्य बनाने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पोलिंग बूथ पर सभी की भागीदारी रहे और प्रत्येक विधायक एक ग्रामकेंद्र को अपनी देखरेख में ले।