भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी में लगातार मंथन चल रहा है। यही नहीं संघ भी पूरी तरह से बीजेपी नेताओं को लोकसभा चुनाव में तैयारियों के लिए मार्गदर्शन कर रहा है। हाल ही में संघ ने ऐसे संकेत दिए हैं जिससे कई वर्तमान सांसदों के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं, अगर संघ की सिफारिश को बीजेपी ने अमल में लिया तो दस से अधिक सांसदों का टिकट कटना तय हो जाएगा।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी पूरे जोरशोर से मैदान में उतरी है। विधानसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा था लेकिन एक बार फिर केंद्रीय नेतृत्व ने नई रणनीति तैयार कर कार्यकर्ताओं से कहा है कि पूरे जोश से जनता के बीच जाएं और केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में बताएं। वहीं, संघ बीते कई दिनों से प्रदेश में युवाओं को आगे करने की सिफारिश कर रहा है। यही नहीं संघ ने कई सांसदों का रिपोर्ट कार्ड भी पार्टी नेताओं को भेजा है। हाल ही में संघ ने कहा है कि पार्टी के बुजुर्ग नेता युवाओं के लिए रास्ता छोड़ें जिससे आगामी चुनाव में युवाओं की फौज खड़ी हो सके।
अगर ये इस फॉर्मूले पर अमल कर दिया जाता है तो पार्टी के 60 पार नेताओं के टिकट पर संकट आ जाएगा। प्रदेश में बीजेपी के 26 सांसद हैं। इनमें बोध सिंह भगत (63), नंदकुमार चौहान (66), वीरेंद्र कुमार (64), अनूप मिश्रा (62), जनार्दन मिश्रा (62), भागीरथ प्रसाद (71), ज्ञान सिंह (65), नागेंद्र सिंह (75), सुमित्रा महाजन(75), नरेंद्र सिंह तोमर(61) और लक्ष्मी नारायण यादव (74) वर्ष के हैं। संघ ने बुजुर्ग शब्द पर जोर दिया है। अगर टिकट विरतण में बुजुर्गों को टकिट नहीं देने पर काम किया गया तो इनमें से कई वर्तमान सांसदों के टिकट कट जाएंगे। हालांकि, कुछ सांसदों के रिपोर्ट कार्ड भी अच्छे नहीं है। जिसकी वजह से उनके भी टिकट पर संकट के बादल हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर अपनी सीट बदलना चाहते हैं। बीजेपी ने जो सर्वे करवाया है उसमें उनकी रिपोर्ट अच्छी नहीं आई है। वहीं, वह खुद भी इस बार अपनी सीट बदलना चाहते हैं। ऐसा ही कुछ भागीरथ प्रसाद के साथ है। वह उम्र में भी 70 पार हैं और उनके खिलाफ भी जनता में आक्रोश है। हाल ही में उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें स्थानीय लोगों ने उनको घेर रखा था और उनसे बीते पांच सालों की उपलब्धियों के बारे में सवाल किए थे।