भोपाल। आज विधानसभा में शून्यकाल के दौरान गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने का मुद्दा जोर-शोर से उठा। बीजेपी ने केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण को लागु किए जाने की माँग की। विपक्ष ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन के जरिए गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की है। कई राज्य से इसे लागू कर चुके हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। जिस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जवाब देते हुए कहा कि वह इसके लिए समित बनाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लेगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मुझे दुख है कि ये सरकर सामान्य वर्ग को उनका आरक्षण नहीं दे रही है। इसके बाद पक्ष विपक्ष में जमकर नोंकझोंक हुई और हंगामा हुआ।
दरअसल, आज सदन की शुरुआत से ही हंगामेदार रही | विपक्ष ने शून्यकाल के दौरान सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का मुद्दा उठाया और जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि सवर्णों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर स्थगन ध्यानाकर्षण हो प्रश्न लगाए गए हैं। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि वे इस आरक्षण को मध्य प्रदेश में लागू करें | सरकार की ओर से अभी जो जवाब दिया गया है, उसमें कहा जा रहा है कि मामला विचाराधीन है जब सब स्थिति स्पष्ट है तो इसे लागू कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि मुख्यमंत्री जी इसका आपको राजनीतिक लाभ भी मिलेगा।
जिस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में गरीबी के आधार पर आरक्षण देने की बात कही गई है, हम इसको लेकर मंत्रिमंडल की सब कमेटी बना रहे हैं वह यह देखेगी कि इसे कैसे क्रियान्वित किस रूप में किया जा सकता है। समिति आरक्षण लागू करने के पहलुओं पर विचार करेगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मुझे दुख है कि ये सरकर सामान्य वर्ग को उनका आरक्षण नहीं दे रही है। सामान्य वर्ग के लोग बेरोजगार घूम रहै हैं। मध्यप्रदेश सरकार की इसे लागू करने में कोई रुचि नहीं है। आज दो महीने हो गए और मध्यप्रदेश सरकार बस कमेटी गठित करने की बात कर रही है। ये बहुत बड़ा पाप है इसका हर्जाना कांग्रेस सरकार भुगतेगी।
गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने का लाभ गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मिलना शुरू हो गया है। लेकिन मध्य प्रदेश में अब भी सवर्णों को इसका इंतजार है। प्रदेश में इसको लेकर अभी कोई शुरुआत नही की गई है, जिसके कारण लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। हाल ही में भाजपा सांसद भगीरथ प्रसाद , करणी सेना और सपाक्स ने आरक्षण को लेकर कमलनाथ सरकार को चेतावनी भी दी थी, बावजूद इसको लेकर अभी तक कोई कदम नही उठाया गया है। वही भाजपा ने भी इसे मुद्दा बनाकर आज सदन में सत्तापक्ष कांग्रेस का जमकर घेराव किया।