हार के बाद भाजपा में मंथन, लोकसभा चुनाव पर फोकस

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भोपाल। विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब भाजपा में मंथन का दौर शुरू हो गया है। गुरूवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने चारों संभागों के विधायकों की बैठक ली। इसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर बूथ स्तर पर एक बार फिर संगठन को मजबूत करने के टिप्स दिए हैं। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी का एक-एक कार्यकर्ता हमारे विधायकों के साथ खड़ा है। उन्होंने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के उस बयान का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह पांच साल से पहले की सत्ता में वापसी करेंगे। 

प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने चौहान के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि हम भी कह रहे हैं कि यह कमजोर सरकार है कांग्रेस अपने आपस के कारणों से ही सरकार कितनी चला पाएगी ये देखना होगा। आम चुनाव में महज छह महीने का समय बचा है। कांग्रेस ने भाजपा से तीन बड़े हिंदी पट्टी के राज्य छीन लिए हैं। ऐसे में पार्टी लीडर भले इसका असर लोकसभा चुनाव में नहीं पड़ने का दावा कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत से वह भी वाकिफ हैं। इसलिए लोकसभा चुनाव कि तैयारियों के लिए अभी से पार्टी ने रणनीति बनाना शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ता तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में विधायकों का दावा है कि हमारी सीटें भले कम हैं लेकिन सदन में जनहित के मुद्दे को लेकर सरकार का घेराव करेंगे। बीजेपी विधायक और कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर सरकार से उसका हिसाब-किताब मांगेंगे। 

गौरतलब है कि प्रदेश में 29 लोकसभा सीटें हैं। इनमें से 27 पर भाजपा का कब्जा है। वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें हैं। हालांकि, उपचुनाव में कांग्रेस ने झाबुआ लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। वहां से कांतिलाल भूरिया संसद पहुंचे थे। लेकिन इस बार बड़े बदलाव संभव हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजों के अलावा पार्टी ने भी करीब एक दर्जन सांसद बदलने के संकेत दिए हैं। वहीं, इस बार विधानसभा चुनाव में भी कई सांसद पार्टी की ओर से लड़े और कुछ जीते तो कुछ हारे। हारने वालों में अनूप मिश्रा शामिल हैं। वह मुरैना से सांसद हैं। और भितरवार विधानसभा से इस बार हारे हैं। 


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