जहां पूर्व सीएम ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि बीते 2 महीने से जो लोग शांतिपूर्ण (Peacefully) तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, वह हिंसक (Violence) हो ही नहीं सकते। इसमें कौन लोग शामिल हो गए, 15 लोग किसानों ने पकड़कर दिल्ली पुलिस को दिए हैं। उनका नाम उजागर होना चाहिए। पकड़े गए सभी लोगों के पास सरकारी कर्मचारी होने का आइडेंटिटी कार्ड (Identity card) मिला है। अब आप समझ ही सकते हैं सरकार किसकी है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कहते हैं कि यह सुनियोजित और प्रायोजित षड्यंत्र था, एक शांतिपूर्ण आंदोलन को गलत रास्ते पर दिखाने का।
दिग्विजय सिंह ने की मीडिया से ये अपील
मीडिया से प्रार्थना करते हुए दिग्विजय सिंह कहते हैं कि आप लोगों से यही अपील है कि आप इनके बहकावे में ना आइए। आगे दिग्विजय सिंह कहते हैं कि खालसा पंथ का कोई झंडा नहीं था। पहले हमारा तिरंगा झंडा था उसके नीचे उन्होंने 2 झंडे लगाए थे जो कि एक किसान यूनियन का झंडा था और एक खालसा का झंडा था, लेकिन तिरंगा ऊपर ही था, मीडिया द्वारा तिरंगा दिखा ही नहीं गया।
दिग्विजय सिंह ने उठाए ये सवाल
मीडिया ने सवाल करते हुए पूछा कि खालसा और किसान यूनियन का झंडा लगाना सही था जिस पर जवाब देते हुए पूर्व सीएम कहते हैं कि जब आरएसएस ने तिरंगा झंडा 1947 से 1962 तक नहीं लगाया वह किसी को नहीं दिखा, कभी उनसे अपने पूछी यह बात, आपने क्यों नहीं पूछा। वहीं पाकिस्तान का झंडा लगाने को लेकर दिग्विजय सिंह कहते हैं कि जो पाकिस्तान का झंडा लगाएगा वह जेल में जाएगा।
दिग्विजय सिंह ने बताई देश की समस्या
वही हाल ही में उमा भारती द्वारा हलाली डैम का नाम बदलने को लेकर पत्र लिखा गया था जिस पर जवाब देते हुए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कहते हैं कि क्या नाम बदलने से कोई सद्भावना बढ़ेगी । यह सब जो है लोगों को भड़काने वाली बात है। देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, साढ़े 9 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गई, नाम बदलने से लोगों को नौकरियां मिल जाएगी। देश की अर्थव्यवस्था सुधर जाएगी। देश का भला हो जाएगा। आप की सरकार है जो नाम बदलना है बदल दिजिए। जब तक ईवीएम है तब तक वह अहम और अहंकार में है, जिस दिन ईवीएम हट जाएगी तो पता लग जाएगा कि जमीन किस के पास है।
दिग्विजय सिंह ने शराबबंदी को लेकर कहा ये
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर पूछे गए सवाल पर दिग्विजय सिंह पत्रकार पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि क्या आप कांग्रेस में है, तो क्यों पूछ रहे हैं। आप लोग क्या करेंगे, हम लोग देख लेंगे। शराबबंदी को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कहते हैं कि उमा भारती कहती हैं कि पूरी तरह से शराबबंदी हो। सीएम शिवराज कहते हैं कि जितनी शराब की दुकान है उतनी ही रहने दो। गृहमंत्री कहते हैं दुकाने बढ़ा दो, अब उन तीनों को ही तय करने दीजिए।