नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार ने रिवाइज्ड गाइडलाइन जारी की है जो 21 जून से लागू हो जाएगी। इसके मुताबिक केंद्र 75 प्रतिशत वैक्सीन प्रोक्योर करेगा। इसी के साथ वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को एडवाइजरी भी जारी की है।
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इस गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीन निर्माताओं से टीकों का 75 प्रतिशत केंद्र सरकार खरीदेगी और इन्हें राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को नि:शुल्क दिया जाएगा। राज्यों को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि वैक्सीनेशन के लिए हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर और 45 से ऊपर की उम्र के लोग जिन्होने दूसरा डोज नहीं लिया हो, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। इसके बाद 18 साल से 44 साल तक के उम्र वालों को वैक्सीन लगाएं। इस आयुवर्ग में राज्य को वर्गीकरण की स्वतंत्रता होगी। केंद्र सरकार राज्यों को उनकी जनसंख्या, संक्रमित मरीजों की तादाद और वैक्सीनेशन की रफ्तार के हिसाब से वैक्सीन मुहैया कराएगी। वैक्सीन वेस्टेज होने पर राज्यों की सप्लाई पर नकारात्मक असर पड़ेगा। वैक्सीन सप्लाई करने से पहले राज्यों को सूचना दी जाएगी जिससे राज्य अपने हिसाब से जिलों और वैक्सीनेशन सेंटर तक वैक्सीन पहुंचाने की व्यवस्था कर लें।
इस एडवाइजरी के मुताबिक वैक्सीन उत्पादक कंपनियां 25 प्रतिशत डोज हर महीने प्राइवेट अस्पतालों को बेच सकेंगे। इसके लिए राज्य प्राइवेट अस्पताल की क्षमता, आकार के हिसाब से वैक्सीन की मांग रखेंगे और केंद्र वैक्सीन की सप्लाई सुनिश्चित करेगा। प्राइवेट अस्पतालों के लिए निर्देश है कि वो वैक्सीन के दाम पर प्रति डोज 150 रुपये से अधिक सर्विस चार्ज नहीं लेंगे और इसकी निगरानी राज्य सरकार करेगी। प्रायवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन की कीमत वैक्सीन निर्माता द्वारा तय की जाएगी। एडवाइजरी में कहा गया है कि वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन की सुविधा राज्य सरकार सुनिश्चित करें। इसी के साथ राज्यों द्वारा वैक्सीन की बुकिंग के लिए कॉमन सर्विस सेंटर या कॉल सेंटर भी शुरू किया जा सकता है।