सरकार की बड़ी तैयारी, MP में लगेंगी 1772 सूक्ष्म खाद्य उद्यम इकाइयां, इन जिलों को लाभ, अधिकतम 10 लाख रूपये तक मिलेगी सब्सिडी

Shivraj Singh Chouhan

PM Micro Food Enterprises Up gradation Scheme : केन्द्र सरकार ने मध्य प्रदेश को बड़ी सौगात दी है । एमपी में जल्ज सूक्ष्म खादय उद्यम की 1772 इकाइयां लगने वाली हैं, इसके लिये केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खादय उद्यम उन्नयन योजना में ऋण स्वीकृत किया जा चुका है। खास बात ये है कि इनमें सबसे ज्यादा 116 इकाइयां ग्वालियर में लगेंगी। दूसरे नम्बर पर 100 इकाइयां खरगौन में, रीवा में 47, बालाघाट में 23, टीकमगढ़ में 27 और होशंगाबाद में 22 इकाइयां लगेंगी।

दरअसल, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खादय उद्यम उन्नयन योजना में उदयमियों ने रूचि दिखाते हुए 10664 उदयमियों ने ऋण के लिए आवेदन किया था,  परीक्षण के बाद 1772 को ऋण देने योग्य पाया गया। बाकी आवेदनों पर विभिन्न स्तरों पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने युवा उदयमियों से आगे बढ़कर इस का लाभ उठाने का आग्रह किया है।

इकाईय़ों की सूची में बैतूल का भी उल्लेख

  • केन्द्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ सूक्ष्म खादय इकाइयों की सूची तैयार की है। इसमें मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के जमुना स्व-सहायता समूह की सफलता का उल्लेख है। इस समूह के सदस्यों को खादय प्रसंस्करण में प्रशिक्षण मिला। समूह ने आम का अचार बनाना शुरू किया।
  • स्थानीय बाजार में बेचना शुरू किया। इससे समूह को हर महीने 1000 रूपये की आय होने लगी। समूह के सदस्यों का आत्मविश्वास बढता गया। आम का अचार बनाने के काम से आगे कदम बढ़ाते हुए उन्होने प्राकृतिक कीटनाशक तैयार करना शुरू कर दिया। इसमें नीमास्त्र, दशपर्णी अर्क और जीवनामृत मुख्य कीटनाशक उत्पाद हैं। इससे समूह की आय 5 से 10 हजार रूपये तक बढ़ी।
  • दो साल पहले जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविदयालय जबलपुर ने समूह सदस्य लक्ष्मी परते को उत्कृष्ट महिला सम्मान दिया था। अन्य सदस्य श्रीमती ममता धुर्वे को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-किसान विज्ञान केन्द्र बैतूल ने वर्ष 2020-21 में सर्वश्रेष्ठ महिला कृषक का सम्मान दिया था।

क्या है प्रधानमंत्री सूक्ष्म खादय उद्यम उन्नयन योजना

  • खाद्य प्र-संस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार की भागीदारी के साथ सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी एवं कारोबार में सहायता देने के लिए प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना शुरू की है।
  • इसमें कौशल प्रशिक्षण, खाद्य सुरक्षा मानकों एवं स्वच्छता के संबंध में तकनीकी जानकारी देने एवं गुणवत्ता सुधार के माध्यम से क्षमता निर्माण किया जा रहा है।
  • इच्छ़ुक लोगों को बैंक ऋण एवं डीपीआर तैयार करने के लिए मदद दी जाती है।
  • पूंजी निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर तथा ब्रांडिंग एवं विपणन सहायता के लिए कृषक उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों को सहायता दी जा रही है।
  • व्यक्तिगत रूप से स्थापित होने वाले उदयम 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। अधिकतम सब्सिडी 10 लाख रूपये तक की हो सकती है।
  • लाभार्थी का योगदान 10 प्रतिशत होना चाहिए। बाकी राशि बैंक ऋण होगी।
  • स्व-सहायता समूहों को वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है।एक जिला-एक उत्पाद में चुने जाने वाले उत्पादों पर आधारित इकाइयों को प्राथमिकता मिलेगी।

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Pooja Khodani

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