सतना| चित्रकूट में पांच वर्षीय दो जुड़वा भाइयों की अपहरण के बाद हत्या को लेकर लोगों में आक्रोश है| बच्चों की हत्या के विरोध में जिला मुख्यालय सतना में आज बंद है, वहीं शहर में मौन जुलूस निकाला गया| जिसमे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्थानीय भाजपा नेता समेत बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे शामिल हुए| इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसको लेकर प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है| मामले को लेकर सरकार और विपक्ष आमने सामने है|
12 फरवरी को चित्रकूट स्थित सदगुरु पब्लिक स्कूल परिसर से अपह्रत तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के जुड़वां बेटों श्रेयांश और प्रियांश की अपहरणकर्ताओं ने 20 लाख रुपये फिरौती लेकर भी निर्मम हत्या कर दी| अपहरणकर्ताओं ने बच्चों को यमुना नदी में जिंदा फेंक दिया। पुलिस ने शनिवार देर रात एक बजे प्रियांश और श्रेयांश (5) के जंजीर से बंधे शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बबेरू के पास नदी से बरामद किए। मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें से पांच महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के छात्र हैं। एक आरोपित शिक्षक है, जो रावत परिवार के पड़ोस में ट्यूशन पढ़ाता है। अपहरणकर्ताओं ने ब्रजेश रावत से फिरौती के 20 लाख रुपए भी लिए थे, लेकिन पहचाने जाने के डर से बच्चों की हत्या कर दी।
अपहरण और फिर हत्या की वारदात पर सियासत भी तेज हो गई है| अपहरणकर्ताओं की गाड़ी में बीजेपी के झंडे की वजह से नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है| मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ तौर पर कहा है कि इस वारदात में विपक्ष के लोग शामिल हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पलटवार किया है। शिवराज का कहना है कि घटना को किसी और दिशा में मोड़ दिया जा रहा है, ताकि भ्रम बना रहे। रविवार को इस घटना के विरोध में चित्रकूट में सैकड़ों लोगों ने सद्गुरु सेवा ट्रस्ट में तोड़फोड़ की थी और वहां धारा 144 लागू है।
सोना चाहता हूं, लेकिन आंखों में नींद नहीं है
इससे पहले पूर्व सीएम शिवराज ने सतना पहुंचकर परिवार से मुलाकात की| जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, ‘सोना चाहता हूं, लेकिन आंखों में नींद नहीं है, मन बेचैन है, कैसे शांति पाऊं, यही सोच रहा हूं! अभी प्रियांश और श्रेयांश दोनों बेटों के पिता जी से मिलकर आ रहा हूं। अंतरात्मा रो रही है, मन दर्द से भरा हुआ है आखिर कोई इतना हृदयहीन कैसे हो सकता है कि मासूम बच्चों को जिनके पिता ने उन्हें बचाने के लिए फिरौती दे दी थी, उनको मारने में हाथ भी न कांपे…।’ शिवराज ने लिखा ‘सरकार तबादलों को छोड़, कानून और व्यवस्था को बनाने में जुटे। अपराधियों पर नकेल कसे ताकि फिर कोई मासूम अपराधियों का शिकार न बने..।’
अपराधी की कोई जाति, धर्म या पार्टी नहीं होती
शिवराज ने लिखा प्रियांश और श्रेयांश के हत्यारों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलना चाहिए और एक ही सजा इस अपराध की हो सकती है-मृत्युदण्ड। ‘तेरह दिन पूर्व स्कूल बस से अपहृत बच्चे आखिर पुलिस क्यों नहीं ढूंढ पाई? प्रभारी मंत्री, बच्चे सुरक्षित हैं, जल्द रिहा हो जायेंगे, यह बयान देते रहे। पुलिस ढूंढने का ढोंग करती रही और अंतत: बच्चे मारे गये। क्या इनमें से किसी का अपराध नहीं है, इसकी भी जांच होनी चाहिए।’ ‘यह पता लगने के बाद कि बच्चे अब नहीं रहे, आईजी रीवा का यह कहना कि पार्टी विशेष का झण्डा लगा हुआ था, जो उन्हें ले गये। किसी संगठन विशेष से जुड़े हुए ये यह कहना भी सिद्ध करता है कि घटना को किसी और दिशा में मोड़ दो, ताकि भ्रम बना रहे और अपनी असफलता को छिपा सकें।’ ‘उसी तरह के बयान का प्रभारी मंत्री का देना क्या सिद्ध करता है? क्या ऐसी घटना पर भी घटिया राजनीति की जायेगी। क्या सरकार की सोच इतनी निकृष्ट हो सकती है, अपराधी की कोई जाति, धर्म या पार्टी नहीं होती, अपराधी सिर्फ अपराधी होता है। फिर वो क्यों नहीं पकड़े गये? इन तथ्यों की भी जांच हो।’
सीएम ने कहा घटना के पीछे कोई राजनीति
मामले को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था, ‘गाड़ी में किसका झंडा लगा था, यह सामने आ गया है। इस घटना के पीछे जरूर कोई राजनीति है। अपराधी कहां से आ रहे थे? इसके पीछे किसका हाथ है…? विपक्ष डरा हुआ है, क्योंकि उनके लोग इसमें शामिल हैं। जल्द ही सब साफ हो जाएगा। मैंने बच्चों के पिता बृजेश रावत से फोन पर बात की है। मुझे इस घटना का बहुत दुख है। इस वारदात में शामिल दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा।’