सीएम डॉ. मोहन यादव ने दशहरा पर्व पर महेश्वर में किया शस्त्र पूजन, अहिल्यालोक बनाने सहित कई बड़ी घोषणाएं, ली भाषा की क्लास, शब्दों का उपयोग और अर्थ बताया

मुख्यमंत्री ने विजयादशमी पर आयोजित कार्यक्रम में घोषणा की कि महेश्वर में बुनकरों के लिए टेक्सटाइल्स टूरिज़्म विलेज की स्थापना की जाएगी। इसी के साथ उन्होंने कहा कि अगले साल संक्राति के आसपास एक कैबिनेट बैठक अहिल्या माता के नाम पर महेश्वर में की जाएगी। सीएम ने इस अवसर पर भाषा के सही उपयोग के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि किस अवसर पर शुभकामना दी जाती है और कब मंगलकामना और बधाई देते हैं। इसी के साथ पर्व और त्योहार का अंतर भी बताया।

CM Dr. Mohan Yadav Dussehra

CM Dr. Mohan Yadav celebrates Dussehra in Maheshwar : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई के 300वें जन्मजयंती वर्ष के अवसर पर महेश्वर, जिला खरगोन में दशहरा शस्त्र-पूजन कार्यक्रम में सहभागिता की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 83.29 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया और क्षेत्र के लिए कई अहम घोषणाएं भी की। उन्होंने कहा कि यहां अहिल्यालोक बनाया जाएगा, साथ ही बुनकरों के लिए टेक्सटाइल्स टूरिज़्म विलेज की स्थापना होगी। इसी के साथ उन्होंने घोषणा की कि अगले साल मकर संक्राति के आसपास एक कैबिनेट बैठक अहिल्या माता के नाम पर महेश्वर में की जाएगी।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने लोकमाता अहिल्याबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को विजयादशमी की मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि ‘आज विजयादशमी के पावन पर्व पर महेश्वर, खरगोन स्थित किला में पुण्यश्लोक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर चरणों में नमन एवं वंदन किया। ये मेरा सौभाग्य है कि इस अवसर पर देवी अहिल्या जी की तलवार का भी पूजन किया। सुशासन, महिला सशक्तिकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ-साथ आपने धार्मिक-आध्यात्मिक उन्नति हेतु जो मूल्य एवं आदर्श स्थापित किये हैं, वे हम सभी को सदैव प्रेरणा प्रदान करेंगे।’

दशहरे की मंगलकामनाएं दी

विजयादशमी के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव महेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और परंपरा के अनुसार विधि-विधान से शस्त्र पूजन कर जन-जन को वीरता और शौर्य की प्रेरणा दी।  इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘आज दशहरा धन्य हुआ है। आज महेश्वर में नया सूर्य निकला है। हम गौरवशाली अतीत को स्मरण कर रहे हैं…आज महेश्वर में ऐसा लग रहा है कि माता अहिल्याबाई हमारे बीच विराजी हैं और हम सबको आशीर्वाद दे रही हैं। हमारा ग्रामीण आदिवासी अंचल निमाड़ हर युग में अपनी विशेष पहचान रखता है। हम गौरवशाली अतीत को स्मरण कर रहे हैं। आज महेश्वर में ऐसा लग रहा है कि माता अहिल्याबाई हमारे बीच विराजी हैं और हम सबको आशीर्वाद दे रही हैं। लोकमाता देवी अहिल्याबाई जी का नाम लेते ही पूरा शरीर आनंद में डूब जाता है। माता अहिल्याबाई जी के जन्म स्थान अहमदनगर का नामकरण उनके नाम पर किया गया, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार को बधाई देता हूं।’

महेश्वर में बनेगा अहिल्यालोक, सीएम की बड़ी घोषणाएं

इस अवसर पर सीएम ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की। उन्होंने कहा कि ‘सिंहस्थ 2028 को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महेश्वर का सिविल अस्पताल में उन्नयन किया जाएगा। ग्राम झापड़ीपुल से चिंदड़िया और चिंदड़िया से पीएचई तक सड़क डामरीकरण के लिए साढ़े 5 करोड़ की घोषणा की। ग्राम बड़देया से सोमाखेड़ा तक की सड़क भी साढ़े 4 करोड़ लागत से बनाई जाएगी। मंडलेश्वर शासकीय महाविद्यालय का नाम महर्षि मंडन मिश्रा के नाम पर रखा जाएगा। बारीद्वारी मंदिर, धारेश्वर मंदिर का विकास किया जाएगा। बड़वाहा-धामनोद मार्ग चौराहे से बाईपास तक रोड बनाई जाएगी। नरसिंहघाट का नवीनीकरण होगा। वार्ड क्रमांक 1 से 15 तक पेवर ब्लॉक बनेंगे और विकास होगा। नया बस स्टैंड वार्ड नंबर 9 में बनाया जाएगा। युवाओं को रोज़गार दिलाने के लिए क्षेत्र के विकास के लिए औद्योगिक क्षेत्र माधोपुर में बड़े उद्योग लगाए जाएंगे और पूरा इंडस्ट्रियल बेल्ट बनाया जाएगा। बुनकरों के लिए टेक्सटाइल्स टूरिज़्म विलेज हथकरखा और पर्यटन विकास विभाग के माध्यम से बनाया जाएगा। इसी के साथ महालोक की तर्ज पर अहिल्या माता लोक भी बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया शुभकामना-मंगलकामना, पर्व-त्योहार में अंतर

सीएम मोहन यादव ने इस अवसर पर कुछ और महत्वपूर्ण बातें भी कही। उन्होंने कहा कि ‘हमारे सारे तीज त्योहार पर्व सरकारी कैलेंडर से नहीं बनते। इनके लिए खगोलीय नक्षत्र ग्रहों के अनुसार मंगल मुहूर्त निकलते हैं और मंगल तिथियां होती हैं। मंगल तिथियों के आधार पर तीज त्योहार होते हैं। लेकिन जाने-अनजाने हमसे गलती हो जाती है। हम गलती से इस अवसर पर शुभकामना देते हैं। लेकिन अपने त्योहार पर शुभकामना नहीं दी जाती है बल्कि मंगलकामना या बधाई दी जाती है। दीवाली दशहरा होली रक्षाबंधन आदि पर मंगलकामना या बधाई देनी चाहिए ये हमारी परंपरा है। जो पर्व त्योहार नहीं मनाएं वो दें शुभकामना, लेकिन हमारे यहां मंगलकामना और बधाई दी जाती है। शुभकामना तब दें जब कोई परीक्षा देने जा रहा है, कोई इंटरव्यू देने जाए, किसी का जन्म हो मतलब जिसके लिए कोई मुहूर्त न निकलता हो। जो तिथियों से पर्व होते हैं उसमें मंगलकामना दी जाती है।’ इसी के साथ उन्होंने त्योहार और पर्व में भी अंतर बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस अवसर पर हम उपवास रखते हैं वो पर्व होता है और जिस अवसर पर व्यंजनों के साथ खाते पीते आनंद लिया जाए वो त्योहार होता है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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