Madhya Pradesh Utsav : सीएम डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली मध्य प्रदेश भवन में किया ‘मध्यप्रदेश उत्सव’ का शुभारंभ, चार दिन तक चलेगा कला, शिल्प, संगीत और स्वाद का मेला

इस उत्सव में मध्य प्रदेश के विभिन्न रंग देखने को मिलेंगे। एक तरफ यहाँ प्रदेश के हस्तशिल्प और हथकरघा से जुड़े उत्पादों की खरीदारी की जा सकती है, वहीं विभिन्न अंचलों के स्वाद का ज़ायक़ा भी लिया जा सकता है। ये उत्सव दो सितंबर चल चलेगा और यहाँ हर शाम सांगितिक प्रस्तुति भी होगी। 

Madhya Pradesh Utsav : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज दिल्ली के मध्य प्रदेश भवन में चार दिवसीय ‘मध्य प्रदेश उत्सव’ का शुभारंभ किया। इस उत्सव में लघु मध्य प्रदेश की झलक दिखाई देगी। मुख्यमंत्री ने उत्सव का औपचारिक शुभारंभ करने के बाद यहाँ लगाई गई प्रदर्शन और स्टॉल का अवलोकन भी किया।

‘मध्य प्रदेश उत्सव’ में प्रदेश से जुड़ी सांस्कृतिक विरासत, साहित्य, कला, हस्तशिल्प, हथकरखा, एक जिला एक उत्पाद आदि उपलब्ध है। दो सितंबर तक जारी उत्सव में लोग एमपी की संस्कृति और समृद्ध कला, पर्यटन के बारे में जानकारी ले सकते हैं और खरीदारी भी कर सकते हैं।

चार दिवसीय मध्य प्रदेश उत्सव प्रारंभ

मध्यप्रदेश उत्सव में विंध्य हर्बल्स के विक्रय-सह-प्रदर्शनी स्टॉल में राज्य के वनोपज और औषधीय उत्पाद उपलब्ध हैं। इसी के साथ मृगनयनी के स्टाल में प्रदेश के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद विशेष छूट के साथ बिक्री के लिए रखे गए हैं। यहाँ मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और कला, पर्यटन, जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई गई है। इस उत्सव के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्रियों, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।

कला संस्कृति के साथ स्वाद और संगीत का उत्सव

यहाँ स्वाद का उत्सव भी दिखाई देगा। मध्यप्रदश उत्सव में प्रदेश के अलग-अलग अंचलों का पारंपरिक भोजन भी रखा गया है। यहाँ मालवा, विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड के विशिष्ट व्यंजन के स्टॉल लगाए गए हैं। इनमें मालवा थाली, बुंदेलखंड थाली,  निमाड़ थाली और बघेलखंड थाली का स्वाद उपलब्ध है। इसी के साथ मशहूर इंदौरी पोहा, भुट्टे का कीट, सेव की सब्ज़ी, बावला, चूरमा और मिलेट के खाद्य पदार्थ भी परोसे जाएँगे । इस चार दिवसीय समारोह में हर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी होगा। इनमें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कलापिनी कोमकली द्वारा देवास के शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति, ओडिसी नृत्यांगना बिंदु जुनेजा के ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति, मैहर घराने की नलतरंग सहित अन्य परंपरागत वाद्य-यंत्रों के माध्यम से वाद्य वृन्द की प्रस्तुति और आंचलिक कलाकारों द्वारा लोकगायन पेश किया जाएगा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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