दिल्ली में तय होगा इन कांग्रेस दिग्गज के भविष्य का फैसला

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भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस दिग्गज लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब पार्टी संगठन में बड़े पदों पर आंखे गढ़ाए बैठे हैं। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश के सभी बड़े दिग्गजों पर दांव लगाया था। लेकिन प्रदेश की 29 में 28 सीटों पर यह दिग्गज धराशायी हो गए। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो विधानसभा चुनाव में भी हारे हैं। अब इन्हें पार्टी संगठन में पदों की दरकार है। इनका फैसला दिल्ली में होगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ चार दिन के लिए दिल्ली प्रवास पर हैं। वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से कैबिनेट विस्तार समेत पदों पर नियुक्ति को लेकर चर्चा करेंगे। 

दरअसल, कांग्रेस को प्रदेश की कमान संभाले छह महीने हो गए हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता अब चुनाव खत्म होने के बाद पार्टी के बड़े ओहदों पर निगाहें टिकाए हुए हैं। इनमें से कई नाम ऐसे हों जो विधानसभा चुनाव में भी हारे हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व पीसीसी चीफ अरूण यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी जैसे दिग्गज नेता हार के बाद अब पदों की चाहत में सक्रिय बताए जा रहे हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राजनीति के पंडितों का कहना था कि अब इन नेताओं की सियासत ठंडी पड़ सकती है। इसकी बड़ी वजह पार्टी की बुरी तरह से हार और संगठन में बिखराव बताया जा रहा था। इन नेताओं के अलावा झाबुआ लोकसभा सीट से हारे कांतिलाल भूरिया भी पद की रेस में शामिल हैं। वह राजधानी भोपाल से लेकर दिल्ली तक चक्कर लगा रहे हैं। भूरिया भी प्रदेश संगठन में बड़े पद के लिए जोर लगा रहे हैं। पूर्व सांसद रामेश्वर निखरा, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी और रामनिवास रावत का नाम भी इसमें शामिल बताया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ चार दिवसीय दौरे पर दिल्ली प्रवास पर हैं। सूत्रों के मुताबिक वह यहां राहुल गांधी से मिल कर इन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। इन पार्टी नेताओं को निगम और मंडल में शामिल नहीं किया जा सकता है। क्योंकि यह नेता किसी बड़े पदों की मांग कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है इनको राज्य योजना आयोग या फिर हाऊसिंग बोर्ड में मर्ज किया जा सकता है। बड़े नेताओं से सताता और ताकत का मोह नहीं छूट रहा है। वह इसलिए किसी छोटे पद पर जाने से कतरा रहे हैं जहां पॉवर का रसूक कम रहे। 


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