भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही व्यवस्था में बदलाव की जरूरी है। इस दिशा में सरकार काम कर रही है। बदली हुई व्यवस्था में संभागायुक्त अपनी भूमिका खुद तय करें। वे योजनाओं की मॉनीटरिंग करें और सरकार को रिपोर्ट भेजें। मुख्यमंत्री ने अफसरों को चेताया कि जन-सुनवाई, सीएम हेल्पलाइन और लोक सेवा गारंटी जैसी व्यवस्थाएं दिखावे के लिए न हो। केवल वही समस्या मंत्री, मंत्रालय और मुख्यमंत्री तक आएं जिनका समाधान जिला स्तर पर न हो।
मुख्यमंत्री ने कॉफ्रेंस में अफसरों से तल्ख लहजे में कहा कि कमिश्नर और कलेक्टर संभाग और जिला स्तर पर सरकार का चेहरा हैं। दोनों अधिकारी जनता और सरकार के बीच नोडल पाइंट हैं, इसलिये इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। जब सबसे कमजोर और गरीब वर्ग को तत्काल और त्वरित न्याय मिलेगा, तभी प्रदेश में सुशासन की स्थापना कर पाएंगे। सुशासन का अर्थ है कमजोर और गरीब वर्गों को त्वरित न्याय। जहां सुशासन नहीं है वहां समस्याएँ अधिक हैं। निवेश नीति से नहीं वातावरण और विश्वास से आता है। कौशल विकास के बाद नौजवानों को रोजगार भी मिले। ऋण माफी योजना का तय समय-सीमा में किसानों को लाभ मिले।
अड़ंगा लगाने वाले नियम-कानून को बदलेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो मौजूदा व्यवस्था काम कर रही है, वह 60-70 साल पुरानी है। इस व्यवस्था को हमें आज के संदर्भ में बदलना होगा ताकि वह लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरे। कानून और नियम के कारण आम आदमी को दिक्कत नहीं होना चाहिए, जरूरत पड़ी तो इन्हें बदला भी जाएगा। नाथ ने कहा कि मेरा अनुभव यह है कि जिस जिले में सुशासन नहीं है, वहाँ समस्याओं के सबसे अधिक आवेदन मिलते हैं और यही उस जिले का रिपोर्ट कार्ड बतलाता है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि जनता से जुड़ी संस्थाओं को ऐसा स्वरूप दें कि वे तत्काल तत्परता के साथ लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकें।
नीति से नहीं, विश्वास से आता है निवेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि मप्र में निवेश क्यों नहीं आता। उन्होंने कहा कि औद्योगिक जगत से निरंतर उन्हें यह फीडबैक मिला है कि यहाँ निवेश में प्रारंभ से ही दिक्कतें शुरु हो जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मध्यप्रदेश में नीति नहीं, ऐसा वातावरण और विश्वास पैदा करना चाहते हैं, जिससे निवेश अपने आप प्रदेश की तरफ आकर्षित हो। उन्होंने कहा कि निवेश की हमें आज सबसे ज्यादा जरूरत इसलिये हैं, क्योंकि हम इसके जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ ही प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों का विस्तार कर पायेंगे। उन्होंने इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बतायी।
ऋण माफी योजना का लाभ समय-सीमा में मिले
मुख्यमंत्री ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना का लाभ तय समय-सीमा में लोगों को मिले, यह सुनिश्चित करना आप लोगों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को मिलने वाली बुनियादी सुविधा, जिनमें स्वास्थ्य, बिजली, स्कूल, पेयजल सहित अन्य सुविधाएँ शामिल हैं, उनकी डिलेवरी में कोताही नहीं होना चाहिए। उन्होंने बिजली आपूर्ति सुचारु रूप से सुनिश्चित करने को कहा।