इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा है कि जब भी मैं बहनों के चहरों पर खुशी देखता हूँ तो मुझे लगता है कि मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हो गया। प्रदेश की सहरिया, भारिया एवं बैगा जनजातियाँ, सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक दृष्टि से विशेष पिछड़ी हुई हैं। इनमें पोषण की स्थिति अच्छी नहीं है। इसे देखते हुए हमारी सरकार ने वर्ष 2017 में आहार अनुदान योजना शुरू की गई। इसमें सहरिया, भारिया एवं बैगा जनजाति वर्ग की बहनों को हर माह पोषण आहार के लिए 1-1 हजार रूपये की राशि दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जनजातीय भाई-बहनों को राशन, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ ही उनके कौशल विकास पर भी ध्यान दे रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर कर, उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।
सीएम ने कहा कि प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं। मंडला, डिंडौरी, शहडोल, शिवपुरी एवं छिंदवाड़ा में 5 कम्प्यूटर कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। मुक्की जिला बालाघाट में बैगा सांस्कृतिक केंद्र, तामिया जिला छिंदवाड़ा में भारिया सांस्कृतिक केंद्र तथा श्योपुर में सहरिया सांस्कृतिक केन्द्र बनाए जाएंगे। जबलपुर, ग्वालियर एवं इंदौर में संभागीय छात्रावास बनाए जा रहे हैं। साथ ही सभी जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आवास योजना, पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं।