MP में बढ़ते मृत्यु दर को देख सीएम शिवराज सिंह चौहान हुए चिंतित

Gaurav Sharma
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सीएम शिवराज सिंह चौहान

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में लगातार मातृ मृत्यु दर (Maternal mortality rate) और शिशु मृत्यु दर (Infant mortality rate) में बढ़ोतरी हो रही है। जिसे लेकर सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने चिंता जताई है। मातृ मृत्यु दर (Maternal mortality rate) और शिशु मृत्यु दर (Infant mortality rate) के आंकड़ों को बढ़ता देख सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है और कहा है कि जल्द से जल्द प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health system in the state) को दुरुस्त किया जाए। जिससे इन आंकड़ों को कम किया जा सकेगा। इस दौरान नेशनल हेल्थ मिशन (National Health Mission) के अधिकारियों से सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने प्रश्न किया और उन्होंने पूछा कि आखिर यह कलंक हम अपने माथे पर लेकर कब तक चलेंगे। इसे लेकर एक तय समय पर काम किया जाए, जिससे हम अपने माथे से इस कलंक को मिटा सके।

एमपी में बढ़ रहे मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि जब भी हम मातृ मृत्यु दर (Maternal mortality rate) और शिशु मृत्यु दर (Infant mortality rate) की बात करते हैं, जो आज से नहीं ऐतिहासिक रूप से है। हम देश के अन्य राज्यों से पीछे हैं। जब हम आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश (Self-sufficient Madhya Pradesh) की बात करते हैं, तो सीधी-सीधी हमे हमारे टारगेट संबंधित कार्य करने पड़ेंगे। ताकि हम मातृ मृत्यु दर (Maternal mortality rate) और शिशु मृत्यु दर (Infant mortality rate) को कम कर सके। लेकिन यह लिखने से नहीं होगा इसके लिए बेहतर कार्य योजना (work plan) बनानी पड़ेगी, टारगेट तय करना पड़ेगा, रोड मैप बनाना पड़ेगा और उस रोड मैप को पूरा करने के लिए कड़ा परिश्रम करना पड़ेगा।

नेशनल हेल्थ मिशन के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण

बता दें कि आज सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) भोपाल के लिंक रोड नंबर-3 पर बने नेशनल हेल्थ मिशन के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण पर गए हुए थे। जहां उन्होंने ये सारी बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल (government hospital) की जो छवि बनी हुई है, उसे बदलना होगा। जिसके लिए हमें ऐसी सर्वसुविधा युक्त अस्पताल (Well equipped hospital) तैयार करना पड़ेगा जो आदर्श बन सके।

जनता के लिए सर्व सुविधा युक्त हो अस्पताल

सीएम (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि प्रदेश में बड़ी आबादी निवास करती है। जिनकी स्वास्थ्य सुविधाएं सरकारी अस्पताल पर ही निर्भर है। इसी को ध्यान में रखते हुए एक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं वाला अस्पताल होना बेहद जरूरी है। ताकि जरूरतमंद को तत्काल सुविधा प्रदान की जा सके। प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों के ऊपर आरोप लग चुके हैं। जिसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकारी हॉस्पिटलों की व्यवस्थाओं को खराब बताया जाता है, ताकि निजी हॉस्पिटलों को चलाया जा सके। इस तरह कई घटनाओं को सोच समझकर अंजाम दिया जाता है।

PPP मोड पर हो हॉस्पिटलों में डायलिसिस सुविधा

सीएम शिवराज सिंह ने हॉस्पिटलों की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए कि पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मोड पर हॉस्पिटलों में डायलिसिस सुविधा शुरू की जाए। बता दें कि पूरे देश में शिशु मृत्यु दर को लेकर मध्यप्रदेश टॉप पर है। क्योंकि जहां पूरे देश में शिशु मृत्यु दर 32 है, वहीं मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 48 हो चुका है। जो सबसे अधिक है। एमपी के ग्रामीण क्षेत्रों में शिशु मृत्यु दर (Infant mortality rate) 52 है, तो वहीं शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 36 हो चुका है।

शिशु मृत्यु दर

मध्यप्रदेश के लिए यह एक शर्मनाक स्थिति है, क्योंकि प्रदेश लगातार 15वीं बार पूरे देश में शिशु मृत्यु दर में अव्वल आया है। शिशु मृत्यु दर (Infant mortality rate) प्रति 1000 जीवित जन्मे शिशुओं में से एक साल या इससे कम उम्र में मृत शिशुओं की संख्या है। जिसे शिशु मृत्यु दर कहा जाता है।

शिशु मृत्यु दर का कारण

  • कम वजन
  • श्‍वसन संबंधी संक्रमण (न्‍यूमोनिया)
  • जन्मजात विकृति
  • संक्रमण
  • एसआईडीएस
  • मातृ मृत्यु दर

WHO के अनुसार, MMR (Maternal mortality rate) गर्भावस्था या उसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से प्रति एक लाख जीवित जन्मों में मातृ मृत्यु की वार्षिक संख्या है। जिसमें आकस्मिक या अप्रत्याशित कारणों से हुई मृत्यु को शामिल नहीं किया जाता है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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