दिग्गी के बयान पर सीएम शिवराज का पलटवार, कहा- मनचाहा बोलते हैं और अनचाहा सुनते हैं

Gaurav Sharma
Published on -
शिवराज सिंह चौहान

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बीते दिनों मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में हुए पत्थरबाजी की घटनाओं को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है। जिसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Rajya Sabha MP Digvijay Singh) ने प्रदेश सरकार (State government) की कार्रवाई पर सवाल उठाए है। अयोध्या (Ayodhya) में बनने वाले राम मंदिर (Ram temple) के धनसंग्रह के लिए निकाली गई रैली के दौरान मध्य प्रदेश के उज्जैन और इंदौर शहर में रैली में मौजूद लोगों पर पत्थरबाजी करने की घटना सामने आई थी। जिसे लेकर अब सियासत गरमा गई है।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh’s statement) ने उज्जैन, इंदौर और मंदसौर में हुई पत्थरबाजी (Stone pelting) की घटनाओं की निष्पक्ष जांच डीजी और सीएस रैंक के किसी रिटायर अफसर (Retired officer) से कराने की मांग की थी। जिसे लेकर उन्होंने डीजीपी विवेक जौहरी (DGP Vivek Johri) को एक ज्ञापन भी सौंपा था। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब ‘मैं मुख्यमंत्री था तब धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की गई थी।’

सीएम शिवराज की तीखी प्रतिक्रिया

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Former CM Digvijay Singh) के बयान के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दिग्गी राजा ने अपने कार्यकाल में पूरा मध्यप्रदेश तबाह कर दिया था। जनता को सड़क, बिजली और पानी से वंचित कर दिया था। चारों ओर अराजकता का माहौल था। वही दिग्गी राजा आज हमें पाठ पढ़ा रहे हैं। मध्यप्रदेश में जो गड़बड़ करेगा, चाहे वह कोई भी हो, परिणाम भुगतेगा! कानून सबके लिए समान है।

 

दिग्विजय सिंह का बयान

बता दें कि शुक्रवार को दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने पथराव की घटना पर जांच के लिए पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी को ज्ञापन दिया था। जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ‘मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए उन्माद फैलाने वाले हिंदू-मुसलमान सभी के खिलाफ एक्शन लिया था। आगे उन्होंने कहा कि मैंने केंद्र सरकार से सिमी और बजरंग दल पर रोक लगाने की सिफारिश की थी। ऐसे में अभी जो मध्यप्रदेश में घटनाएं हो रही है वह दुखद है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए राशि इकट्ठा करने गए लोगों पर पथराव किया जा रहा है। साथ ही भड़काऊ नारे भी लगाए जा रहे हैं।

ये भी पढ़े- राम मंदिर के धन संग्रह को लेकर दिग्विजय सिंह का बयान, कहा- चंदा वसूली के नाम कर किया जा रहा माहौल खराब

दिग्गी के बयान पर किया पलटवार

पलटवार करते हुए आगे उन्होंने कहा कि इस बारे में ‘मैं क्या कहूं, मनचाहा बोलते हैं और अनचाहा सुनते हैं। मध्यप्रदेश का बंटाढार कब हुआ था दिग्विजय सिंह बता दें? पूरा तबांह मध्यप्रदेश को कर दिया पूरा तबाह मध्यप्रदेश को कर दिया इस आदमी ने। जनता को सड़क, बिजली, पानी से वंचित कर दिया। रोज तनाव की घटनाएं होती थी। आज वह हमें पाठ पढ़ा रहे हैं, सबक सिखा रहे हैं।’

मध्यप्रदेश में प्रत्येक वर्ग सुरक्षित : CM शिवराज

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर हर समाज, हर समुदाय, हर वर्ग के लोग सुरक्षित है। कार्रवाई होगी तो गुंडों और माफियाओं के खिलाफ होगी और वह जरूर होगी। जिसे कोई नहीं रोक सकता। आगे उन्होंने कहा कि जो भी गड़बड़ी करेगा वह परिणाम अवश्य भुगतेगा, जो कानून बना है वह सभी के लिए बना है, क्योंकि कानून के नजरों में सभी एक समान है।

माफियाओं के खिलाफ प्रदेश सरकार

मध्य प्रदेश सरकार माफियाओं के, गुंडों के, बदमाशों के, नशे के व्यापारियों के, भू माफियाओं के। जितने भी तरह के माफिया है, गुंडे-बदमाश है, चिटफंड के नाम पर लूट मचाने वाले, पत्थरबाजी करने वाले है उनके खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ‘कोई भी दूसरे के संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, नशे का कारोबार करता है, सरकार उनके खिलाफ है। ऐसे में कोई भी आ जाए दिग्विजय तो क्या इनको बचा नहीं सकता।’


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News