रेप पीड़िता के परिजनों से CM शिवराज ने की बात, कहा- आरोपी को छोड़ेंगे नहीं, सुने ऑडियो

Gaurav Sharma
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शिवराज सरकार

भोपाल/बैतूल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लगातार दुष्कर्म (Rape) जैसी वारदातों में बढ़ोतरी हो रही है। इसी कड़ी में बैतूल जिले (Betul district) में एक नाबालिग के साथ 40 वर्षीय अधेड़ व्यक्ति ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। पीड़िता (Rape victim) आज जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है, जिसकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है। पीड़िता का इलाज (Treatment of victim) पांच डॉक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है, इसके बावजूद कोई सुधार नहीं देखा जा रहा है। घटना की जानकारी लगते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने पीड़िता के परिजनों से फोन पर बात की, और कहा है कि ‘इलाज की चिंता ना करे, मासूम बच्ची के इलाज की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। मासूम बच्ची के गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा, कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।’

सीएम ने पीड़िता के परिजनों से फोन पर की बात

बता दें कि बैतूल जिले (Betul district) के घोड़ाडोंगरी तहसील में 13 वर्षीय नाबालिग (Minor) को 40 वर्षीय अधेड़ ने अपने हवस का शिकार बनाया था। जिसके बाद से मासूम बच्ची जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। पीड़िता का इलाज (Treatment of victim) 5 डॉक्टरों की देखरेख में की जा रही है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। ऐसे में परिजनों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) से फोन पर बात करते हुए कहा कि उसे जल्द से जल्द दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल (AIIMS Hospital) में रेफर किया जाए। साथ ही परिजनों ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है।

सीएम शिवराज ने परिजनों को दिया आश्वासन

सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने पीड़िता के परिजनों से कहा कि बच्ची के इलाज की चिंता ना करें, इलाज की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे। वहीं एम्स रेफर (AIIMS Refer) किए जाने को लेकर कहा कि फिलहाल डॉक्टरों की सलाह के बाद ही पीड़िता को एम्स रेफर किया जाएगा। फोन पर परिजन लगातार आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे। जिसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए गए है, जल्द से जल्द आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।

मरा समझ आरोपी ने गड्ढ़े में डाला पीड़िता को

जानकारी के अनुसार बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव में एक नाबालिग देर शाम अपने खेत में मोटर बंद करने गई थी। तभी बगल के खेत में 40 वर्षीय एक व्यक्ति था। जिसने बच्ची को अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया, फिर पीड़िता को गड्ढे में डालकर उसके ऊपर पत्थर डाल दिए। वहीं आरोपी मौके से फरार हो गाया। जब काफी देर हो जाने के बाद बच्ची घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। जहां खेत में नाबालिग बच्ची गड्ढे में बेहोश मिली। बच्ची को इस हालत में देख परिजनों के रोंगटे खड़े हो गए और उन्होंने आनन-फानन में बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।

नागपुर मेडिकल कॉलेज में चल रहा इलाज

फिलहाल पीड़िता का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे भोपाल रेफर कर दिया गया। स्थिति में कोई सुधार नहीं आने पर पीड़िता को नागपुर के मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया, जहां 5 डॉक्टरों की निगरानी में बच्ची का इलाज चल रहा है। इसके बावजूद पीड़िता की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। ऐसी स्थिति में परिजन लगातार बच्ची को दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में रेफर करने की मांग कर रहे हैं।

ग्रामीणों में छाया आक्रोश

घटना के बाद पुलिस द्वारा पीड़िता का बयान लेने के बाद आरोपी को पड़कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया है। वहीं घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है, जो लगातार आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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