शिवराज सिंह चौहान का बयान- आखिर कमलनाथ सीधे-सीधे माफी क्यों नहीं मांगते हैं?

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सरकार (Shivraj Government) में महिला बाल विकास मंत्री और डबरा से BJP प्रत्याशी इमरती देवी (iImrati Devi) को आइटम (item) कहने पर मचे बवाल के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) की सफाई पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) का बड़ा बयान सामने आया है।शिवराज ने कहा कि आखिर वे सीधे-सीधे माफी क्यों नहीं मांगते हैं?

आज मंगलवार को मीडिया से चर्चा के दौरान शिवराज ने कहा कि कमलनाथ जी की निर्लज्जता और बहन इमरती देवी के आंसू पूरे देश ने देखे हैं। इसलिए वे किंतु-परंतु करने पर विवश हुए हैं। लेकिन यह माफी नहीं, उससे भी बड़ा पाप है।यह कमलनाथ जी का अहंकार है। वे अपने से श्रेष्ठ किसी को नहीं मानते हैं। आखिर वे सीधे-सीधे माफी क्यों नहीं मांगते हैं?

शिवराज ने आगे कहा कि वे आईटम शब्द को जायज ठहरा रहे हैं, कमलनाथ से कोई उम्‍मीद नही,पत्र के माध्यम से सोनिया गांधी से की गई अपील का अभी तक कोई जवाब नही मिला है, लेकिन कमलनाथ ने सोमवार को मुझे पत्र लिखा है उसका जवाब दे रहा हूं।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, इस पूरे घटनाक्रम के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखकर कमलनाथ के खिलाफ तत्काल कार्यवाई करते हुए उन्हें सभी पदों से मुक्त करने की मांग की थी, जिस पर देर शाम कमलनाथ ने पलटवार करते हुए शिवराज को पत्र (letter) लिखकर कहा था कि डबरा की सभा में अपने संबोधन में मैंने किसी के नाम का उल्‍लेख नहीं किया और फिर भी आपने उसे एक महिला मंत्री से जोड़कर पत्र में झूठ परोस दिया। दूसरा जिस शब्द की ओर आप इंगित कर रहे है, उस शब्द के कई मायने है, कई तरह की व्याख्याएं है। लेकिन सोच में खोट अनुसार आप और आपकी पार्टी अपनी मनमर्जी की व्याख्या कर झूठ परोसने लगे और जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।

पत्र में आपकी जातिगत मानसिकता झलकती है- कमलनाथ

कमलनाथ ने पत्र में आगे लिखा था कि “मुझे आश्‍चर्य है कि आज आप श्रीमती सोनिया गांधी जी को महिलाओं के सम्मान व सुरक्षा को लेकर पत्र लिख रहे है, जिनकी 15 वर्ष की सरकार में मध्यप्रदेश, बहन-बेटियों से दुष्कर्म, महिलाओं पर अत्याचार और महिला अपराधों में, देश में शीर्ष पर रहा है और इस दौरान ऐसी घटनाओं पर आप अपने दायित्‍वों का निर्वहन न करते हुये सालों तक मौन रहे हैं। गत 07 माह की भाजपा सरकार में कोरोना काल में भी बहन-बेटियों के साथ कई दरिंदगी की घटनाएं हुई और मध्यप्रदेश पुन: दुष्कर्म के मामलों में देश में शीर्ष स्‍थान पाने वाले प्रदेश के रुप में सामने आ रहा है और आप पुन: अकर्मण्‍य रहकर मौन रहे है । परन्‍तु चुनाव जीतने के लिए चुनावी मौन व्रत रख कर झूठ परोस रहे है। आपने पत्र में बार-बार जाति का उल्लेख कर अपनी अनैतिक राजनीति की मानसिकता को स्‍पष्‍टत: प्रदर्शित किया है। सर्व विदित है कि आपका पत्र वोट पाने की राजनीति से प्रेरित है और आपको महिलाओं के सम्‍मान और सुरक्षा की कोई चिंता न कभी रही है और ना ही आज कोई चिंता है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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