देश की एकमात्र ट्रेन जिसमें नहीं देना पड़ता किराया, फ्री में उठा सकते हैं सफर का लुत्फ

रेलवे बहुत ही सस्ता और आरामदायक माध्यम माना जाता है, जब लोग यात्रा करके एक छोर से दूसरे छोर तक बहुत ही आसानी से पहुंच जाते हैं, लेकिन क्या आपने उसे ट्रेन के बारे में सोचा है, जिसमें आप बिना टिकट सफर कर सकते हैं।

Sanjucta Pandit
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Indian Railway Free Travel Train

Indian Railways : भारतीय ट्रेन का इतिहास काफी रोचक और पुराना है, जो आज दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क को में से एक है। इंडियन रेलवे की शुरुआत 1853 में हुई थी, जब 14 डिब्बों के साथ पहली ट्रेन 400 यात्रियों को लेकर 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी। यह पहली सफलता जिसने लोगों को एक नई दुनिया और नए इन्वेंशन के बारे में बताया था। वहीं, स्वतंत्रता के बाद साल 1951 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ।

अब भारतीय रेलवे को 4 जोन में बांटा जा चुका है, जिसमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण शामिल है। वर्तमान की बात करें, तो भारतीय रेलवे में 18 जोन और 70 से अधिक डिवीजन है। यहां शताब्दी, राजधानी, दुरंतो वंदे भारत सहित लोकल ट्रेनों संचालित होती है।

करोड़ों यात्री करते हैं सफर

हर दिन करोड़ों लोग रेल से यात्रा करते हैं। यह भारत की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी मानी जाती है। इंडियन रेलवे बहुत ही सस्ता और आरामदायक माध्यम माना जाता है, जब लोग यात्रा करके एक छोर से दूसरे छोर तक बहुत ही आसानी से पहुंच जाते हैं, लेकिन क्या आपने उसे ट्रेन के बारे में सोचा है, जिसमें आप बिना टिकट सफर कर सकते हैं।

भारत की एकमात्र ट्रेन

जी हां, भारत में एक ऐसी ट्रेन चलाई जा रही है, जिसमें टिकट की जरूरत नहीं पड़ती और ना ही इसमें कोई TTE आता है। दरअसल, इस ट्रेन का नाम भाखड़ा नंगल ट्रेन है जो कि पंजाब और हिमाचल के बीच संचालित की जाती है। यह कुल 13 किलोमीटर लंबी दूरी तय करती है। ट्रेन का इतिहास लगभग 75 साल पुराना है। 75 सालों से इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को एक भी रुपए नहीं देने पड़ता, बल्कि वह फ्री में इसका आनंद उठाते हैं।

खूबसूरत रूट

यह रूट बहुत खूबसूरत है। ट्रेन तीन सुरंग और छह स्टेशन से होकर गुजरती है और सतलुज नदी को पार करती हुए अपने गंतव्य तक पहुंचती है। ट्रेन नांगल से सुबह 7:05 बजे और दोपहर 3:05 बजे भाखड़ा के लिए चलती है। वहीं भाखड़ा से वापसी सुबह 8:20 व शाम 4:20 की होती है। भाखड़ा और नांगल के बीच की दूरी तय करने में इस ट्रेन को तकरीबन 1 घंटे का समय लगता है। सफर के दौरान बाहर का नजारा काफी ज्यादा खूबसूरत होता है, जो कि यात्रियों के लिए यादगार बन जाता है।

फ्री में उठाएं सफर का लुत्फ

इस ट्रेन में डीजल इंफ्री में उठा सकते हैं सफर का लुत्फजन लगाए गए हैं, जिसमें तीन डब्बे हैं। अंदर लकड़ी के कोच लगे हुए हैं, सीट अंग्रेजों के जमाने की है। जैसा पुरानी फिल्मों में कई बार दिखाया जा चुका है। इसमें रोजाना लगभग 800 लोग सफर करते हैं। यदि आप भी इस सफर का लुफ्त उठाना चाहते हैं, तो इस ट्रेन में जरुर सफर करें।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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