भोपाल। विधानसभा का सदस्य बनने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ किस सीट से विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे अब यह साफ़ हो गया है| छिंदवाड़ा से विधायक दीपक सक्सेना ने सीएम के लिए अपनी सीट छोड़ते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को ही उन्होंने ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने की पेशकश की थी| सक्सेना ने बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
कमलनाथ के सीएम बनने के बाद से ही सक्सेना कई बार अपनी सीट छोड़ने की बात कर चुके हैं| सोमवार को सक्सेना ने कहा कि था कि वे बुधवार को जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी तब विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। जिसके बाद उन्होंने आज अपना इस्तीफा दे दिया है| नियमों के अनुसार कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 6 महीनों के अंदर मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक बनना जरुरी है| संभावना है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही छिंदवाड़ा विधानसभा का चुनाव होगा। प्रक्रिया की बात करें तो दीपक सक्सेना द्वारा इस्तीफा देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष इसे स्वीकार करेंगे। उसके बाद विधानसभा सचिवालय की ओर से मध्यप्रदेश निर्वाचन कार्यालय को इस इस्तीफे की सूचना और जानकारी दी जाएगी। इसके बाद छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया का शुरू होगी।
लम्बे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ छिंदवाड़ा जिले की ही किसी सीट से चुनाव लड़ेंगे| जिले में विधानसभा की सात सीटें हैं। इनमें से चार सीटें अमरवाड़ा (एसटी), परासिया (एससी), जुन्नारदेव (एससी) और पांदुर्ना (एसटी) आरक्षित वर्ग के लिए है। कमलनाथ सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखते हैं इसलिए वह जिले में तीन बची सामान्य सीटों छिंदवाड़ा, सौंसर और चौरई से ही उपचुनाव में प्रत्याशी बन सकते थे।सौंसर से चुनाव लड़ने के भी कयास लगाए जा रहे थे| इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी सात सीटों पर विजय हासिल की है। दीपक सक्सेना पहले ही सीट छोड़ने का एलान कर चुके थे, वहीं सक्सेना कमलनाथ के ख़ास माने जाते हैं और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षित सीट से ही चुनाव लड़कर कोई जोखिम नहीं उठाते हुए कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ना तय किया है|
बेटे को लड़ा सकते हैं लोकसभा चुनाव
छिंदवाड़ा ससंदीय क्षेत्र से नौ बार से कमलनाथ सांसद हैं। अब इसी संसदीय क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले हैं। मुख्यमंत्री बनने के छह माह के भीतर किसी भी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर उन्हें विधायक बनना जरूरी है। इसके लिए एक नहीं, कई विधायक अपनी सीट छोड़ने को तैयार बैठे थे। वहीं कमलनाथ द्वारा विधानसभा का चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बाद उनकी सांसद की सीट खाली होगी, ऐसे में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कौन चुनाव लड़ेगा। कमलनाथ के समर्थक सीमए के बेटे नकुलनाथ को यहां से लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। वे कई राजनीतिक कार्यक्रमों में सक्रिय है जिसके चलते उनके राजनीति में आने के कयास लगाए जा रहे हैं|