भोपाल। मध्य प्रदेश में एयर स्टाइक के बाद राजनीति के माहौल को जानने के लिए कांग्रेस ने सर्वे करवाया है। पार्टी इस सर्व में बीजेपी सांसदों की वर्तमान स्थिति को भांपना चाहती है। पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार सर्जिकल स्टाइक के सहारे अपने पक्ष में माहौल तैयार करने में लगी है। इसका प्रभाव भाजपा शासित राज्यों के साथ ही अन्य दलों की सरकार पर भी पड़ा है। हाल ही में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन हुआ है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह इस बार लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर 22 सीटों पर जीत हासिल करेगी।
दरअसल, दिग्विजय सिंह द्वारा एयर स्ट्राइक मामले पर दिए गए बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है। एक ओर कांग्रेस सरकार सेना द्वारा किए गए आतंकी ठिकानों पर हमले की प्रशंसा कर अपने पक्ष में चुनावी माहौल तैयार करने में तैयारी में है वहीं दूसरी ओर सिंह के बयान के बाद पार्टी की किरकिरी भी हुई है। कांग्रेस अब सर्वे करवा कर एयर स्ट्राइक के बाद जनता के बदले मिजाज को जानना चाहती है। जिससे आगे की रणनीति में बदलाव किया जा सके।
अगर सर्वे में बीजेपी को वर्तमान सीटों पर जीत के आसार या फिर मजबूत स्थिति मिलती दिखाई पड़ती हो तो कांग्रेस अपनी रणनीति में बदलाव करेगी। अभी तक कामलनाथ सरकार अपने 65 दिन का कामकाज लेकर जनता के बीच जा रही है और अपनी पीठ थपथपाकर सवाल कर रही है कि मोदी सरकार ने 5 साल में क्या क्या जनहित कार्य किए हैं। वह खुले मंच से इस बात का ऐलान कर रहे हैं उनके 65 दिन और मोदी सरकार के पांच साल का आंकलन किया जाए। जिससे ये साफ हो जाएगा कि किसकी सरकार बेहतर है। हाल ही में मध्य प्रदेश समेत तीन हिंदी पट्टी के राज्यों में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है। जिसके बाद कांग्रेस को इस बात की उम्मीद है कि वह केंद्र में भी इन नतीजों को भुनाने में कामयाब होगी। जीते हुए विधायकों को लोकसभा चुनाव की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें पार्टी की ओर से सीधे तौर पर निर्देश दिए गओ हैं कि अगर लोकसभा चुनाव में प्रभारी मंत्री अपने इलाके की सीट जिताने में कामयाब नहीं होते हैं तो पद और पार्टी से उनकी छुट्टी तक होने की संभावना है। वहीं, कई कैबिनेट मंत्रियोंं की साख भी लोकसभा चुनाव में दांव पर लगी है।