भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां रूस यूक्रेन विवाद (Russia-Ukraine War) के बीच भारतीय बच्चों को ऑपरेशन गंगा (Operation ganga) के तहत भारत वापस लाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ देश के केंद्रीय मंत्री Pralhad Joshi का बेहद निंदनीय बयान सामने आया है। जिस पर अब कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Vivek tankha) ने पलटवार किया है। दरअसल रूस और यूक्रेन के बढ़ते विवाद के बीच बीते दिनों यूक्रेन में फंसे बच्चों को भारत लाने की पहल शुरू कर दी गई है।
बीते दिनों यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच एक भारतीय छात्र की मौत के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का बड़ा बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि विदेश से MBBS की शिक्षा लेने वाले 90% छात्र ऐसे हैं, जो भारत में होने वाली NEET परीक्षा तक पास नहीं कर पाते। लेकिन छात्रों को विदेशों में शिक्षा ग्रहण करनी है। जिस पर अब राज्यसभा सांसद और कांग्रेसी नेता विवेक तन्खा (Vivek tankha) का बड़ा बयान सामने आया है।
उसमें उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय छात्रों के संबंध में केंद्रीय मंत्री का बयान बेहद निंदनीय है। छात्र और युवा पढ़ने और नौकरी के लिए विदेशों का रुख करते हैं। दरअसल देश में इसका अभाव है। संसाधन के अभाव की वजह से भारतीय छात्रों को विदेश जाना पड़ता है। सरकार अपनी असफलता छात्रों की अक्षमता पर ना डालें। इतना ही नहीं विवेक तन्खा ने कहा कि इस समय के हालात में ऐसा बयान बेहद निंदनीय है और देश और छात्रों का मनोबल इससे निश्चित रूप से गिरता है।
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बता दें कि केंद्रीय मंत्री के MBBS और NEET परीक्षा को दिए बयान की सच्चाई कुछ और ही है। दरअसल विदेश में पढ़ने वाले हर छात्र को नीत क्वालिफाइड करना आवश्यक है। यह नियम साल 2019 से प्रभाव में आया। जहां वर्तमान में गांधी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाला हर छात्र नीट क्वालीफाई है। हालांकि को रोने की वजह से विदेशों में पिछले वर्ष से सर्च एडमिशन की छूट दी गई थी लेकिन साल 2021 में फिर से नीट पास करना अनिवार्य किया गया है इसके अलावा एमबीबीएस करने वाले छात्रों को मेडिकल प्रैक्टिस के लाइसेंस के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स टेस्ट पास करना होता है। जिसके लिए छात्रों को 50% अंक लाना आवश्यक है।
इस मामले में साल 2019 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के जनरल आरके वत्स की ओर से एक पब्लिक नोटिस जारी किया गया था। जिसमें स्पष्ट किया गया था कि NEET क्वालीफाई करने के बाद छात्रों को एडमिशन के लिए दोबारा NEET पास करना अनिवार्य नहीं है। नीट का स्कोर और 3 साल तक के लिए वैध माना जाता है। जिसकी सच्चाई यह है कि विदेश के पहले वर्ष में पढ़ने वाला हर छात्र नीट क्वालिफाइड होता है।