कोरोना को लेकर नई रिसर्च में हुआ ये खुलासा, बच्चों से है सबसे ज्यादा खतरा

corona

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश अनलॉक 5 (unlock 5) की तरफ है, लोगों में दशहरे-दीपावली को लेकर उत्साह है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि कोरोना संकट (corona) टल गया। अब तक न तो इस वायरस के बारे में दुनियाभर के साइंटिस्ट एकमत हो पाये हैं, न ही इसकी कोई वैक्सीन इजाद हो पाई है। ऐसे में एक नए अध्ययन में कुछ और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसकी जानकारी हम सबके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है।

आंध्रप्रदेश-तमिलनाडु में किए गए एक अध्ययन (research) में ये बात सामने आई है कि कोरोना के 70 प्रतिशत मरीज (corona patient) इस वायरस का प्रसार नहीं करते हैं, मतलब उनसे ये बीमारी नहीं फैलती है। अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिसीज, डायनेमिक्स एंड इकोनॉमिक पॉलिसी (सीडीडीईपी) द्वारा आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में किए गए एक नवीन अध्ययन में पता चला है कि कोरोना से संक्रमित सभी व्यक्ति वायरस को नहीं फैलाते हैं। हालांकि इनमें बच्चों को शामिल नहीं किया गया है, मतलब बच्चों से बच्चों में बीमारी तेज़ी से फैलती है और इसके पीछे यही कारण है कि बच्चे खुद को उस तरह से सुरक्षित नहीं रख पाते हैं, जैसे कोई बड़ा व्यक्ति रख पाता है।

जांचकर्ताओं के दल ने 575,071 व्यक्तियों में बीमारी के संचरण पैटर्न का अध्ययन किया, जिसमें कोरोना के 84,965 मामलों की पुष्टि हुई। आंध्र प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के राज्यों में हजारों संपर्क प्रशिक्षकों द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर महामारी विज्ञान का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे व्यापक विश्लेषण है। इस रिसर्च के मुताबिक उजागर संपर्कों के संभावित अनुवर्ती परीक्षण से पता चला कि 70 प्रतिशत संक्रमित व्यक्तियों ने अपने किसी भी संपर्क को संक्रमित नहीं किया था। जबकि 8 प्रतिशत संक्रमित व्यक्ति 60 प्रतिशत नए संक्रमणों के लिए जिम्मेदार थे। इस अध्ययन में बच्चों में संक्रमण का प्रसार सबसे उच्च स्तर पर था, जो अपनी ही उम्र के अन्य बच्चों के संपर्क में थे। सूचकांक मामले से एक करीबी संपर्क में संचरण का जोखिम समुदाय में 2.6 प्रतिशत से लेकर घर में 9.0 प्रतिशत तक है। इस अध्ययन की मानें तो कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के पीछे 8 प्रतिशत रोगी (विभिन्न कैटेरगरी में), बाकी 70 फीसदी मरीज़ों पर तो भारी है ही, इस संकट के बढ़ने के पीछे भी इन्हीं का हाथ है।

 


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News