भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) से वृत्ति कर समाप्त करने की मांग की है। सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government ) तरह मध्य प्रदेश सरकार भी वृत्तिकर समाप्त करे। वही आरोप लगाते हुए कहा कि 300 करोड रुपए वृत्ति कर लेने वाली मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को ₹1 भी नहीं दिया ।
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मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ (Madhya Pradesh Third Class Government Employees Union) के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया 2 साल से कर्मचारियों को ₹1 भी ना देने वाली सरकार ने वृत्ति कर (Professional tax) के रूप में मध्य प्रदेश शासन(MP Government) के कर्मचारियों से लगभग 300 करोड़ वसूल लिए हैं 2 साल से मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) और वेतन वृद्धि से वंचित करने से कर्मचारियों के ऊपर आर्थिक संकट आया है।
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मध्य प्रदेश सरकार ने संकट को देखते हुए कर्मचारी (MP Government Employees) को वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते के रूप में ₹1 नहीं दिया वहीं वृत्ति कर के रूप में कर्मचारियों से लगभग 300 करोड रुपए वसूल लिए हैं । प्रदेश में ₹225000 से अधिक वार्षिक वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों से वृत्ति कर वसूल किया जाता है य़ वृत्ति कर के दायरे में वार्षिक वेतन की इस सीमा के कारण प्रथम द्वितीय तृतीय श्रेणी के अलावा प्रदेश के अधिकांश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी वृत्ति कर देने को मजबूर है, ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कर्मचारियों की मांग है कि वृत्ति कर समाप्त किया जाए।
इस प्रकार होती है वृत्ति कर की वसूली-
1- 2,25000 से अधिक 3 लाख तक 1500 रुपए
2- 3,00000 से अधिक किंतु 4 लाख से अधिक नहीं ₹2000
3- 4 लाख से अधिक वाले कर्मचारी ₹2500