भोपाल।
भले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ हो लेकिन असल में सरकार का रिमोट तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के हाथों में ही है। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद वे अब भी पर्दे के पीछे से ‘चाणक्य’ की भूमिका अदा कर रहे है।इसका नजारा आज नवनिर्वाचित विधायकों के बुलाई गए प्रबोधन कार्यक्रम में देखने को मिला , जहां दिग्विजय विधायकों को एक बार फिर नसीहत देते नजर आए। उन्होंने सभी विधायकों से कहा कि अगर कोई मंत्री या मुख्यमंत्री ना सुने तो मुझे आकर बताएं। इसके पहले कमलनाथ के सीएम बनने के बाद आयोजित हुई मीटिंग में दिग्विजय कैबिनेट मंत्रियों को संबोधित करते दिखे थे, जिसके बाद ऐसी चर्चा सामने आई थी कि दिग्विजय सरकार का हिस्सा न होकर भी उनका हस्तक्षेप कायम है।
दरअसल, आज विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम का दूसरा दिन था। इस दौरान कांग्रेस-भाजपा के दिग्गज नेता, प्रवक्ता और विषय विशेषज्ञों ने विधानसभा कार्यप्रणाली, सदन की गरिमा, बजट पर चर्चा की।इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए। दिग्विजय सिंह ने इस मौके पर विधानसभा में प्रश्नकाल, विधानसभा प्रश्न विषय पर उद्बोधन दिया । वही उन्होंने विधायकों से हमदर्दी जताते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों की अगर मंत्री, मुख्यमंत्री नहीं सुन रहे तो मुझे बताएं।इस दौरान दिग्गी ने अधिाकरियों पर भी सवाल खड़े किए। दिग्गी ने कहा कि बीजेपी शासनकाल के 15 सालों में अधिकारी कर्मचारी ज्यादा मजबूत हो गए हैं। सीएम कमलनाथ को लंबा प्रशासनिक अनुभव है, वो सभी ठीक कर देंगे।
बता दे कि यह पहला मौका नही है । इससे पहले वे इसके पहले कमलनाथ के सीएम बनने के बाद आयोजित हुई मीटिंग में दिग्विजय सिंह कैबिनेट मंत्रियों को संबोधित करते दिखे थे, जिसकी फोटो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी। सुत्रों की माने तो दिग्विजय हार के बाद भी प्रदेश में अपना दबदबा कम नही होने देना चाहते , इसी के चलते हार के बावजूद भी लोगों के बीच बने हुए है। आज मीडिया से चर्चा के दौरान भी उन्होंने कहा था कि वे भले ही चुनाव हार गए हो लेकिन उनका संसदीय क्षेत्र भोपाल ही रहेगा।